File system क्या है.

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File System क्या है

File system क्या है.Computer में data को proper ढंग से store करने के लिए file system का अहम role होता है। यदि आप computer का इस्तेमाल करते है और computer के बारे में जानकारी रखते है तो आपको अवश्य file system के बारे में पता होगा।

और यदि नही पता है तो चलिए हम आपको इस post में विस्तार से file system के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे, तो आप ध्यान से इस post को पढ़ते रहिए।

File system क्या है, हमे अपने computer में अपनी files को better ढंग से organized करके रखने की शुभिधा प्रदान करता है। जिसकी मदद से हम अपने specific files को एक specific location पर folder बनाकर उसमें store कर पाते है।

यदि यह file system आज के समय मे computer या mobile devices के लिए उपलब्ध नही होता, तो आप किसी भी file को इतनी आसानी से जैसे कि आज ढूंढ लेते है नही ढूंढ पाते।

क्योंकि बिना file system technology के इस्तेमाल के आप केवल अपने computer के hard drive या optical drive में files को ऐसे ही बिना किसी folder के रखना पड़ता।

जिससे कि एक समय ऐसा आता जब एक disk में बहुत सारा data ऐसे ही बिखरा पड़ा होता और यदि आप किसी data को ढूंढना चाहते, तो उसके लिए आपको बहुत मेहनत करनी पड़ती।

जिससे कि आपका काफी समय बर्बाद भी होता तथा आपको परेशानी भी बहुत होती। लेकिन file system की वजह से ही आप files को आसानी से ढूंढ लेते है।

और इस file system के तीन मुख्य प्रकार है जिनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल आज के समय मे होता है जो कि FAT32, NTFS और exFAT है। लेकिन FAT32 file system एक universal file system है जो कि लगभग सभी तरह के OS को support करता है।

तो चलिए अब file system क्या होता है के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर लेते है। और इसका invention कब हुआ तथा यह file system हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है इसके बारे में भी जानेंगे।

File system :

File system computer में files को arrange करने और data को एक अच्छे तरीके से store और manage करने में काफी मदद करता है।

जब भी आप किसी भी file या data को अपने hard drive, optical drive, या pen drive में store करते है जैसे कि movies या song को, तो आप हमेशा उनके लिए एक separate folder बनाते है.

ताकि वो दोनों data आपके disk space में अच्छे से organized way में store रहे और आपस मे mix न हो जाये, जिससे कि आपको बाद में किसी particular data या file को ढूंढने में परेशानी न हो।

इन सभी file systems को store करने के लिए प्रतेक operating system का अपना तरीका होता है। लेकिन windows में सभी Software के files जो भी आप install करते है वो सभी C drive में programs वाले folder में अच्छे से प्रतेक software का अलग folder बनाकर ही store होता है।

यहाँ आपको बता दे कि operating system ही इस operation को process करता है एक program के द्वारा जिसको file system कहा जाता है। और यही program सभी चीज़े तय भी करता है किस प्रकार से user इस data को access कर सकता है।

बिना इस file system के किसी भी जानकारी कप store और उसको isolate तथा दुबारा प्राप्त कर पाना बहुत ही मुश्किल काम है।

क्योंकि जब आप एक disc space में files को store करते रहते है तो वह धीरे धीरे बढ़ता रहता है तथा यदि आप उसको अच्छे से organized way में नही रखते है तो आपको वह file access करने में काफी problem हो सकती है।

जैसा कि ऊपर भी बताया है कि file system अलग अलग ओपेरेटिंग system में different होते है। जैसे कि mac OS, Linux और windows में कुछ specific task को करने के लिए specific file systems दिए गए होते है.

वही कुछ common file systems भी है जो कि प्रतेक OS में Same ही होते है जो कि disk based file system, distributed file system, और special purpose file systems है।

File system का Architecture क्या है:

File systems में 3 प्रकार के architecture पर बना है। यह layers कभी कभी पूरी तरह से अलग अलग हो जाती हैं और कभी कभी इसमे तीनो layers एक साथ हो जाती है। जो कि पूरी तरह से किए जाने वाले कार्य पर निर्भर करता है।

1. Logical file system

Logical file system में यह user application के बारे में होता है। और यह application program को Open करके उसमे मौजूद data को Read करना और उसके बाद file को close करना के लिए application program interface प्रदान कराता है।

यह layer file directory, file access और file security से related operations को उपलब्ध करवाता है।

2. Physical file system –

यह layer storage device के physical operations से संबंधित है जैसे कि hard disk, जो कि physical blocks को read और write करने के लिए process करता है.

और यह buffering और memory management को handle करता है और यह storage medium में कुछ specific location जो physical location के blocks है उनके लिए responsible होता है।

तथा यह physical file system device drivers के साथ interact करता है या storage device को run करने के लिए channel के साथ interact करता है।

3. Virtual file system

इस layer का इस्तेमाल virtual files को manage करने के लिए किया जाता है और यह layer सभी files में उपलब्ध हो यह जरूरी नही है। क्योंकि इसकी इतनी अधिक अवर्शकता नही होती है।



File system कैसे काम करते है:

File system आपके द्वारा store किए गए data को organized करने में मदद करता है। और यह वैसे ही है, जैसे कि आपके note book में एक index page होता है जिसमे की सभी chapters की details होती है।

File system क्या है बहुत से चीज़ों को निर्धारित करती है जैसे कि file size, file name, file name में कितने character कितने होने चाहिए, file name में कौन से character support नही करते है, file format आदि जैसे और भी कई प्रकार के चीज़ों को निर्धारित करती है।

इसके साथ ही file system कई प्रकार के information को भी store करके रखती है जैसे कि file storage space, file format, location जैसे meta data को, ताकि वो सभी functions को smoothly perform कर सके।

Metadata आसानी से file data, format, कितना free space है इन सभी चीज़ों को identify कर सकता है।

कितने प्रकार के होते है:

आज के समय मे file system बहुत से प्रकार के उपलब्ध है लेकिन सभी file systems os के अनुसार अलग अलग होते है। वही उनमे से कुछ common भी होते है जिनको लगभग सभी os में चलाया जा सकता है।

तो चलिए उन common file system के बारे में जान लेते है।

1.File allocation table(FAT)

FAT को 1977 में design किया गया था और यह file system Microsoft windows Operating system को support करता है। इसको floppy disk में files को organized ढंग से store करने के लिए बनाया गया था।

लेकिन बाद में इसको hard disk के लिए भी उपयोग किया जाने लगा। लेकिन यह Morden file systems के मुकाबले fast और scalable नही है।

2.Global file system (GFS)

यह file system मुख्य रूप से Linux operating system में इस्तेमाल होता है। और GFS Shared file system होता है, जो कि हमे direct access shared block storage को प्रदान करता है और इसके साथ ही इसको एक local file system के अनुसार भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

वही GFS का updated version भी है जो कि GFS2 है और इसमे बहुत से ऐसे नए features उपलब्ध है जो कि आपको पुराने GFS में देखने को नही मिलते है।

साथ यह software General public license के अंतर्गत आता है जिससे कि GFS और GFS2 free में सभी के लिए available है।

3.Hierarchical file system (HFS)

HFS को सबसे पहले 1985 में introduce किया गया था floppy और hard disk में data को store करने के लिए।

और इसको mac operating system में इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया था। तथा इसका Mac Os standard के तौर पर जाना जाता है लेकिन इसके बाद Mac OS extended ने इसकी जगह ले ली।

HFS ने पूरी तरह से  original Macintosh file system को बदल दिया और इसको अब CD-ROMs में भी use किया जा सकता है।

4.Optical disk file system –

ISO 9660 और universal disk format दो common formats है जो कि compact disk और Blu-ray discs को target करते है।

Mount Rsinier linux kernal की 2.6 series UDF को support करती है और windows vista ने DVDs rewrite की facility भी इसी के द्वारा प्रदान की दी।

5.Windows file system –

ऐसे देखा जाए तो windows में बहुत से प्रकार के file systems उपलब्ध है लेकिन हम यहाँ केवल महत्वपूर्ण और अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले file system के बारे में जानेंगे।

6.FAT file system –

FAT File system को Microsoft के द्वारा 1977 में introduce किया गया था। और इसका full form File allocation table होता है।

इस allocation table system का उपयोग operating system के द्वारा disk में मौजूद files को locate करने के लिए किया जाता है। क्योंकि fat एक file के सभी विषय के बारे में track रखती है।

DOS System में boot sector के बाद FAT को store किया जाता है तथा इस file system का इस्तेमाल computer के आने के बाद काफी बढ़ा है।

FAT आज के समय  मे भी इस्तेमाल किये जाने वाला file system है जो कि solid state drive, sd cards, flash drives आदि में इस्तेमाल हो रहा है।

Fat system के मुख्य features :

    • File systems जो कि windows 2000 में इस्तेमाल होते थे वो 255 characters long तक file name को support करते थे।
    • MS-DOS के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाला FAT File system केवल 8 charcaters तक के file names को ही support करता था।
    • इस file name में सभी तरह के character को इस्तेमाल किया जा सकता है सिर्फ “[]/=,?a””
    • इस file में spaces और multiple periods का इस्तेमाल हो सकता है। और इसमे last period के बाद वाले character को extension के रूप में माना जाता है।
    • इसमे file names की शुरुआत alphanumeric से होनी चाहिए।

FAT File system security- Fat file system किसी भी तरह की कोई भी security प्रदान नही करता है, यहाँ पर जो भी व्यक्ति computer में logged in है उसके पास किसी भी file को full access और control कर सकता है।

FAT32 File system :

FAT32 File system FAT file system का एक upgraded version है। यह अक्सर उन derives में इस्तेमाल किया जाता है जिनकी storage capacity 512MB से 2TB के बीच मे होती है।

इस FAT file system और FAT32 file system में सबसे अच्छा feature ये है कि यह सभी operating systems को support करता है।

FAT32 File system हमे कई प्रकार के features प्रदान करता है जैसे कि Fat32 number of bits को increase करती है, जिनका उपयोग cluster को address करने में किया जाता है।

exFAT :

इस file format को सबसे पहले Microsoft के द्वारा 2006 में introduce किया गया था। जो कि FAT32 का Next version है। और इसको मुख्य तौर पर portable media devices में इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया था।

जैसे कि SDHC, SDXC Cards, Flash drives. यह file system portable media storage devices को 512 TiB तक support करता है। जो कि काफी ज्यादा है।

NTFS File system :

यह file system windows 2000 को fully support करता है साथ के आज के समय के latest windows में भी support करता है।

NTFS का Full Form New Technology File system होता है।

और इसमे आप 255 characters तक के file names को लिख सकते है। और यह file system file name में सभी characters को support करता है केवल कुछ को छोड़ कर जो कि “/ < > *   

तथा इसमे file name case sensitive नही होते है। इसकी security भी FAT की तुलना में काफी अच्छी होती है और files में changes करने के लिए NTFS Permission को assign किया जाता है।

 

FAT और NTFS file system में अंतर :

NTFS file system

FAT file system
  • यह local और remote users को files और folder level पर security देता है
  • यह किसी भी प्रकार की security user को नही प्रदान करता है।
  • ये उन partition में suitable होता है जो कि 500 MB से भी अधिक होती है।
  • यह केवल 8 characters file name को ही support करता है।
  • यह 255 characters long file name को support करता है।
  • इसमे partition file 4GB तक हो पायेगी।
  • इसमे partition Size upto 16 Exabyte तक हो सकती है।
  • यह उन partition disks के लिए बेहतर होता है जिनकी capacity 500MB से कम होती है।

 

Linux file systems के types :

Linux file system में कई प्रकार के है। जैसे कि Ext, JFS,  XFS, Swap आदि, तो चलिए इन सभी Linux file systems के बारे में विस्तार से जान लेते है।

    • Ext file system

Ext file system stand करता है extended file system के लिए। और इसको सबसे पहले MINIX OS के लिए Develop किया गया था।

तथा यह बहुत ही पुराना version है जिसमे की काफी सारी limitations है जिस वजह से इसको अब इस्तेमाल नही किया जाता है।

Ext2, Ext3 और Ext4 file system- Ext2 file system पहला ऐसा file system था जो कि 2TB data को manage कर सकता था।

और Ext3 को Ext2 के base पर ही बनाया गया है। जो कि ext2 का upgraded version है और यह backward compatibility को भी रखता है।

लेकिन ext3 में एक सबसे बड़ी कमी यह है कि यह serves को support नही करता है क्योंकि इसमे disk file recovery और disk snapshot नही support करता है।

Ext4 file system बाकी की सभी ext versions से काफी fast file system है। और यह बड़ी ही आसानी से Solid state drives को handle कर सकती है। और यह Linux system का default file system है।

    • JFS File System

JFS जर्नल फ़ाइल सिस्टम के लिए stand करता है, और यह AIX यूनिक्स के लिए IBM द्वारा विकसित किया गया है।

यह ext file system का एक alternative है। इसका उपयोग ext4 के स्थान पर भी किया जा सकता है, जहाँ पर कुछ संसाधनों के साथ स्थिरता की आवश्यकता होती है। और यह काफी आसान file system है जबकि आपके पास cpu power limited हो।

    • ReiserFS File System

ReiserFS Ext3 फाइल सिस्टम का एक विकल्प है। इसमें improved performance और advanced features include है।

पहले के समय में, ReiserFS को SUSE Linux में default file system के रूप में उपयोग किया जाता था, लेकिन बाद में इसने कुछ नीतियों को बदल दिया गया, इसलिए SUSE Ext3 में वापस आ गया।

यह फाइल सिस्टम गतिशील रूप से file extension को support करता है, लेकिन इसमें प्रदर्शन में कुछ कमियाँ आ जाती है।

    • XFS File System

XFS फाइल सिस्टम को high speed JFS के रूप में माना जाता था, जिसे समानांतर I/O processing के लिए विकसित किया गया है। नासा अभी भी अपने high storage server (300+ terabyte server) के साथ इस file system का उपयोग कर रहा है।

    • Btrfs File System

Btrfs का अर्थ B tree file system है। इसका उपयोग fault tolerance, repair system, fun administration, extensive storage configuration और बहुत कुछ के लिए किया जाता है। यह production system के लिए एक अच्छा suit नहीं है।

    • Swap File System

System hibernation के दौरान Linux operating system में memory paging के लिए swap file system का उपयोग किया जाता है। एक प्रणाली जो कभी hibernate स्थिति में नहीं जाती है, उसके RAM आकार के बराबर SWAP स्थान की आवश्यकता होती है।

 

Conclusion:

File system क्या है.दोस्तों इस post के द्वारा आप ने जाना कि file system क्या होता है और यह कितने प्रकार के होते है तथा इसका उपयोग क्यो computer storage drives में किया जाता है।

जैसा कि आपको पता है कि storage device किसी भी Computer का एक मुख्य हिस्सा होता है और उसी storage device में file system की भी एक प्रमुख भूमिका भी होती है।

जो कि आपके files को अच्छे से नाम के साथ और तरीके से store करने में मदद करता है। यहाँ तक कि जो आपके computer में Ram लगा होता है वह भी file system को follow करता है और data को एक organized form में process होने के लिए आगे send करता है।

आप लोगो को file system के बारे में अब काफी कुछ मालूम पड़ चुका होगा। लेकिन अभी भी इसके ऊपर research चल रही है।

क्योंकि भविष्य में हमे और भी large files को इस्तेमाल करने वाले है, जिनको अच्छे से store करने के लिए हमे नए file system की अवर्शकता पड़ सकती है।

क्योंकि जिस तरह से हम रोज़ data को बना रहे है वो दिन दूर नही जब मौजूदा file systems उनको संभाल नही पाएगी।

उम्मीद करते है कि आपको File system क्या है के बारे में हमारी यह जानकारी बहुत अच्छी लगी होगी और अपने इस post के द्वारा ज़रूर कुछ सीखा होगा।

यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो आप इसको पीने दोस्तों और social media पर ज़रूर share करे, ताकि उनको भी file system के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।

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