Freedom Fighter Bhagat Singh Biography In Hindi.

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Freedom Fighter Bhagat Singh Biography In Hindi

Freedom Fighter Bhagat Singh Biography In Hindi. शहीद bhagat singh हमारे देश के एक ऐसे व्यक्तियों में शामिल है जिनकी कुर्बानी को देश कभी भी नही भूल सकता है। इन्होंने अपने जीवन मे हमेशा अंग्रेजों को भारतीयों पर जुल्म करते ही देख था। जिसके कारण इनके मन मे अंग्रेजों के खिलाफ नफरत पैदा होती गयी और ये स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर अंग्रेजो के ख़िलाफ़ अभियान और आंदोलन करने लगे थे।

इन्होंने भारत को आजादी दिलवाने में अपनी एक अहम भूमिका निभाई थी। और आज के समय में भी इनका नाम भारत के शहीदों में स्वर्ण अक्षरों में शामिल है। अंग्रेजी सरकार के खिलाफ ऐसे ऐसे इन्होंने कारनामे किये थे कि एक समय ऐसा था इब अंग्रेजी हुकूमत के मन मे इनके खिलाफ डर बैठ गया था।

जिस कारण भगत सिंह को पकड़ने के लिए अंग्रेजी सरकार ने एक बड़ी फौज की टुकड़ी को काम पर लगा रखा था। ताकि भगत सिंह को पकड़ा जा सके। जब इनको फाँसी की सजा सुनाई गई, इतने समय मे भगत सिंह अपना काम कर चुके थे।

और वो लोगो के मन मे इन्कलाब की आग लगा चुके थे। तथा नौजवान भी उनको follow करने लगे थे।  तथा देश को आजाद करवाने के लिए स्वंत्रता संग्रामियों में शामिल होने लगे थे। इन सब के बीच शहीद भगत सिंह का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा।

तो चलिए दोस्तो अब विस्तार से आपको शहीद भगत सिंह के बारे में आपको बताते है कि Bhagat Singh का जन्म कब हुआ था। और ये कैसे स्वंत्रता संग्रामी बने। तथा इन्होंने देश को आजादी दिलवाने के लिए क्या काम किये।

Bhagat Singh कौन थे।

Bhagat Singh Biography

Bhagat singh एक स्वंत्रता सेनानी थे। और उन्होंने भारत को आजाद करवाने के लिए गांधी जी के साथ आंदालन में हिस्सा लिया था। लेकिन बाद में वो गांधी जी के आहिंशवादी विचार धारा से नाखुश होकर, उन्होंने गांधी जी को छोड़ कर दूसरी पार्टी को जॉइन कर ली थी।

भगत सिंह के परिवार के लोग भी स्वतंत्रता सेनानी थे तो उन्होने बचपन से ही अपने परिवार में स्वंत्रता और देश प्रेम की बाते सुनी थी। जिसने उनके मन मे काफी प्रभाव डाला था। और वो भी अपने देश के प्रति कुछ करने की चाह रखने लगे थे। जिस कारण उन्होंने कई बार अपने कॉलेज में नाटक के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ कई act किये थे।

जिसमें वो अंग्रेजी हुकूमत को नीचा दिखाते थे और उनको बुरा भला भी बोलते थे। और नौजवानों को स्वंत्रता सेनानियों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते थे।

जब इनके माता पिता ने इनको शादी करने के लिए कहा तो इन्होंने उसके लिए मना कर दिया और अपने माता पिता से कहा कि यदि उनकी शादी स्वतंत्रता से पहले होगी तो वो मौत से होगी। जिसके बाद उनके माता पिता ने शादी के लिए उनके ऊपर दबाव नही डाला। लेकिन इन सब से परे ये अपने कॉलेज के वक़्त में काफी मस्त मौला व्यक्ति भी थे। और इनको लिखने का भी बहुत सौख था।

Bhagat Singh के बारे में personal जानकारी

पूरा नामशहीद भगत सिंह
जन्म27 सितम्बर 1907
जन्म स्थानजरंवाला तहसील, पंजाब
माताविद्यावती
पितासरदार किशन सिंह सिन्धु
भाईरणवीर, कुलतार, राजिंदर, कुलबीर, जगत, प्रकाश कौर, अमर कौर, शकुंतला कौर
पढ़ाईBA की पढ़ाई बीच मे छोड़ दी।
मृत्यु23 मार्च 1931, लाहौर

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परिवार के बारे में जानकारी

Bhagat Singh Biography

भगत सिंह के परिवार के बारे में बात करे, तो उनके परिवार में उनके माता पिता और आठ भाई बहन थे उनको मिलाकर। इनका परिवार एक देश प्रमी परिवार था। जो कि अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजरने की हिम्मत रखते थे। और इनके पिता भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे। तथा जब Bhagat Singh का जन्म हुआ था तब इनके पिता जेल में थे।

क्योंकि वो अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया करते थे और दूसरे आंदालनों में हिस्सा लिया करते थे। ऐसे में भगत सिंह ने शुरू से ही अपने परिवार को देश के लिए लड़ाई लड़ते देखा था। और अंग्रेजों के द्वारा किये जाने वाले जिल्मो को भी देखा था और ये सब इनको देख कर बहुत बुरा लगता था। यहाँ तक कि इनके चाचा भी एक स्वंत्रता सेनानी थे और उन्होंने भारतीय देशभक्ति एसोसिएशन पार्टी भी बनाई थी।

इसमें उनके साथ सैयद हैदर रजा थे, और अजित सिंह के खिलाफ 22 केस दर्ज थे जिसके कारण उन्हें अंग्रेजी हुकूमत से खुद को बचाने के लिए ईरान जाना पड़ा था।



Bhagat Singh का शुरुआती जीवन

शहीद Bhagat Singh का जन्म 27 september 1907 में एक सिख परिवार में हुआ था। तथा इनका पूरा परिवार देश प्रमी और स्वंत्रता सेनानी था। जब भगत सिंह का जन्म हुआ था तब इनके पिता जेल में थे किसी अंदोलन में शामिल होने के कारण।

जब Bhagat Singh थोड़े बड़े हुए तो Bhagat Singh के पिता जी ने इनका दाखिला दयानंद एंग्लो वैदिक हाई स्कूल में करवा दिया था। जिसके बाद इनकी शुरुआती पढ़ाई अपने गाँव मे ही पूरी की थी। पढ़ाई के साथ साथ ये अपने देश के प्रति भी प्यार करने लगे थे।

और देश को आज़ाद करवाने की भावना रखने लगे थे। तथा इन्होंने भी स्वतंत्रता सेनानी बनने की चाह मन मे रख ली। इसके बाद जब भगत सिंह थोड़े बड़े हुए तब ये लाहौर के college में BA की पढ़ाई पूरी करने के लिए गए। जहाँ पर ये नाटकों में भी भाग लेते थे। इनको stage show करना बेहद पसंद था और ये बहुत अच्छे अदाकारा भी थे।

साथ ही ये अपने stage show के माध्यम से नौजवानों को देश की स्वंत्रता में हिस्सा लेने के लिए भी प्रेरित करते थे। इसके साथ ही वो अंग्रेजी हुकूमत को भी ललकारते थे। ताकि अधिक से अधिक नौजवान उनके साथ जुड़े।

इसी बीच इनके माता पिता ने इनकी शादी करवाने की बात की तो इन्होंने शादी से साफ इंकार कर दिया और कहा कि मैं आजादी से पहले शादी नही करुगा। और यदि मेरी शादी होगी तो वो मौत से होगी।

जिसके बाद इनको इनके परिवार वालो ने शादी के लिए कहना छोड़ दिया और ये फिर से वापिस कॉलेज चले गए जहाँ उन्होंने गांधी जी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया था। मगर हिंसात्मक गतिविधि के कारण जब गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन बंद कर दिया था जिससे नाखुश होकर ये उनसे अलग हो गए। और इन्होंने दूसरी पार्टी को join कर लिया।

Bhagat Singh के द्वारा की गई स्वंत्रता की लड़ाई और क्रांतिकारी गतिविधिया.

जब भगत सिंह केवल 12 साल के थे उस समय जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। जिसमे जर्नल डायर के कहने पर अंग्रेजी हुक़ूमत ने वहाँ पर बैठे जो लोग आंदोलन कर रहे थे उन पर गोलियां चलवा दी थी। जिसके कारण बहुत से सिख और दूसरे समुदाय के लोग मारे गए थे। और जब इसकी खबर भगत सिंह को लगी तो वो अपने स्कूल से 12 मील चल कर जलियांवाला बाग पहुँचे और वहाँ का माहौल देख कर उनके मन को बहुत पीढ़ा हुई।

उस समय के दौरान भगत सिंह अपने चाचाओं की किताबें पढ़ते थे और वो पढ़ कर उनको लगता था कि क्रांतिकारियों का रास्ता सही है। और जब गाँधी जी ने असहयोग आंदोलन को छेड़ा तब वो गाँधी जी के साथ मिल कर आंदोलन का हिस्सा बनना चाहा लेकिन जब गाँधी जी ने यह आंदोलन रद्द कर दिया तो इससे उनको काफी बुरा लगा और वो अहिंसा के रास्ते तो छोड़ कर हिंसा के रास्ते पर चलने का फैशला किया और भगत सिंह ने नौजवान भारत सभा पार्टी को join कर लिया।

Freedom Fighter Bhagat Singh Biography In Hindi

इसके बाद कई और भी पार्टियों को join किया और इन्ही सब के बीच उनकी मुलाकात सुखदेव और राजगुरू से हुई। जब कोंकणी हत्याकांड हुआ तब उसमें मौजूद 4 क्रांतिकारियों को फंसी की सजा हुई। जिसका असर भगत सिंह के मन पर बहुत बुरा हुआ और उन्होंने नौजवान भारत सभा को हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन में मिला कर नई पार्टी बनाई और उसे एक नया नाम हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन दिया।

जब 1928 में स्याम साइमन कमीशन के बहिष्कार के लिए अनेको प्रदर्सन हुए तब अंग्रेजी फौज ने उन पर लाठीचार्ज किया जिससे भागते हुए लाला लाजपत राय जी के सर पर चोट लगने से उनकी मृत्यु हो गयी और यह चीज़ भगत सिंह को बहुत खलने लगी। जिसके बाद इन्होंने जयगोपाल, चन्द्रशेखर आजाद, राजगुरु और अन्य के साथ मिलकर पुलिस सुपरिडेंट को मारने का plan बनाया.

जब शाम के वक़्त 17 दिसंबर 1928 को ए० एस० पी० सॉण्डर्स आ ही रहा था कि राजगुरु ने एक गोली सीधे उसके सर में मारी और भगत सिंह ने भी 3-4 गोलिया उसके सीने में दाग दी। जिससे उसकी मृत्यु वही पर हो गयी।

इसके बाद भगत सिंह ने अपनी आवाज अंग्रेजी हुक़ूमत तक पहुचाने के लिए केंद्रीय असेम्बली में भगत सिंह ने अपने साथी के साथ मिलकर ऐसे स्थान पर बम फेंका जहाँ कोई मौजूद न था, क्योकि ये केवल उन तक अपनी आवाज़ पहचाना चाहते थे न कि किसी को मारना और बम के फूटते ही पूरा हाल धुएँ से भर गया।

भगत सिंह चाहते तो भाग भी सकते थे पर उन्होंने अपनी गिरफ्तारी दी और उन्होंने भागने से मना कर दिया। जिसके बाद इन पर मुकदमा चला।

दी गयी फांसी

Freedom Fighter Bhagat Singh Biography In Hindi

जब भगत सिंह पर मुकदमा चला तब अदालत ने इनको उस मे दोषी पाया और भगत सिंह के साथ साथ राजगुरु और सुखदेव को भी फाँसी की सजा सुना दी गयी। जिसके बाद पूरे देश मे क्रांति की लहर तेज हो गयी और जगह जगह पर प्रदर्शन होने लगे तथा इनकी सजा माफ करने की आवाज़ें उठने लगी।

जिसके बाद कई बार इनकी सजा माफी के लिए भी कोसिस की गई। लेकिन इन सब के बीच 23 मार्च 1931 को भगत सिंह और इनके साथी राजगुरु तथा सुखदेव को फाँसी पर लटका दिया गया  तथा फाँसी के लिए जाते वक्त ये तीनो एक गाना गा रहे थे जो कि था।

मेरा रँग दे बसन्ती चोला, मेरा रँग दे।

मेरा रँग दे बसन्ती चोला। माय रँग दे बसन्ती चोला॥

और ब्रिटिस सरकार ने हिंसा के डर से पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी। लेकिन फिर भी ब्रिटिस सरकार को डर था कि शक्ति विरोध हो सकता है जिसके कारण पुलिस कर्मियों ने इनके शरीर के टुकड़े किये और आधी रात को जलाने के लिए ले गए। तथा इस तरह भगत सिंह अपने देश की आजादी की लड़ाई लड़ते-लड़ते शहीद हो गए।

Bhagat Singh Biography – Bhagat Singh के द्वारा बिताये गए जेल के दिन

जब भगत सिंह को फाँसी की सजा सुनाई गई थी, तो उनको जेल में करीब 2 साल रखा गया और इस दौरान वो जो भी  पत्र अपने सगे संबंधियों को भेजते उन में क्रंतिकारी विचारों के साथ साथ कविताएं भी लिखते थे। जो भी किताबे उन्होंने अपने जेल के दिनों में लिखे थे उन में उन्होंने उन सभी लोगो को शत्रु कहा था जो लोग गरीबो और मजदूरों का खून चूसते है और उन पर अत्याचार करते है, चाहे उन में से कुछ लोग भरतीय ही क्यो न शामिल हो वो सब शत्रु है।

इसके साथ ही उन्होंने जेल में मैं नास्तिक क्यों हूँ, english में लेख भी लिखा था, why I Am Atheist नाम की किताब भी लिखी। इन सब के बीच जेल में उन पर और उनके साथियों पर काफी अत्याचार भी किये जाते थे और उनको पीटा भी जाता था, इसके साथ ही न अच्छा खाना दिया जाता था और न ही कपड़े दिए जाते थे।

लेकिन भगत सिंह इतने बड़े क्रांतिकारी थे कि उन्होंने जेल में रहते हुए भी आंदोलन कर दिया था और अपने साथियों के साथ अन्न जल त्याग कर बैठ गए थे ताकि अपनी मांगों को मनवा सके। और इसी दौरान इनके साथी की मृत्यु भी बूख से हो गयी थी।



Bhagat Singh Biography – शहीद Bhagat Singh के द्वारा कहे गए अनमोल वचन

Freedom Fighter Bhagat Singh Biography In Hindi

वचन 1

Lovers, Lunatics and poets are made of same stuff.

प्रेमी, पागल एवम कवि एक ही थाली के चट्टे बट्टे होते हैं अर्थात सामान होते हैं

वचन 2

One should not interpret the word Revolution in its literal sense. Various meanings and significance are attributed to this word, according to the interests of those who use or misuse it.

किसी को क्रांति को परिभाषित नहीं करना चाहिए . इस शब्द के कई अर्थ एवम मतलब हैं जो कि इसका उपयोग अथवा दुरपयोग करने वाले तय करते हैं

वचन 3

Any man who stands for progress has to criticize, disbelieve and challenge every item of the old faith.

जो व्यक्ति उन्नति के लिए  राह में खड़ा होता हैं उसे परम्परागत चलन  की आलोचना एवम विरोध करना होगा साथ ही उसे चुनौति देनी होगी .

वचन 4

Any man who stands for progress has to criticize, disbelieve and challenge every item of the old faith.

जो व्यक्ति उन्नति के लिए  राह में खड़ा होता हैं उसे परम्परागत चलन  की आलोचना एवम विरोध करना होगा साथ ही उसे चुनौति देनी होगी .

वचन 5

I emphasize that I am full of ambition and hope and of full charm of life. But I can renounce all at the time of need, and that is the real sacrifice.

मैं यह मानता हूँ कि मैं महत्वकांक्षी, आशावादी एवम जीवन के प्रति उत्साही हूँ लेकिन आवश्यकता अनुसार मैं इस सबका परित्याग कर सकता हूँ सही सच्चा त्याग होगा.

अंत मे

इस पोस्ट Freedom Fighter Bhagat Singh Biography In Hindi के माध्यम से आप लोगो ने जाना कि शहीद भगत सिंह कौन थे और इन्होंने भारत को स्वतंत्र करवाने में अपना योगदान कैसे दिया और क्यो इनको फांसी की सजा सुनाई गई।

दोस्तो भगत सिंह का जीवन बहुत ही संघर्ष पूर्ण रहा है। और उन्होंने कई क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा भी लिया था। इसके साथ ही उनकी विचारधारा  भी गांधी जी से अलग थी और वो कहते थे कि अंग्रेजी सरकार बहरी हो गयी और उनको ऊँचा सुनाई देता है।

जिसके लिए उन्होंने एक बार बम से धमाका भी किया था। और कहाँ था कि उनका मकसद किसी को मारना या नुकसान पहुँचाना नही है बल्कि बहरी सरकार के कान खोलना है। और उन्होंने तथा उनके साथी ने वही अपनी गिरफ्तारी दी।

भगत सिंह एक बहुत अच्छे कलाकर भी थे और वो कॉलेज में अपने stage show के माध्यम से अंग्रेजों को चुनौतियां देते थे। यहाँ तक कि नौजवानों को भी आंदोलनों में हिस्सा लेने के लिए प्ररेरित करते थे। इन सब से आज के समय के युवाओं को सीखना चाहिए, कि यदि मन मे किसी चीज़ का दीर्ध संकल्प हो तो किसी भी काम को किया जा सकता है और कैसी भी बाधा हो उसको आसानी से सुलझाया जा सकता है।

दोस्तो अगर आप लोगो को हमारी ये जानकारी Freedom Fighter Bhagat Singh Biography In Hindi अच्छी लगी हो तो आप इस पोस्ट को दूसरों के साथ भी शेयर करे। ताकि आपके दोस्त भी bhagat singh के जीवन से कुछ प्रेरणा ले सके और खुद के जीवन मे कुछ कर सके।



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