Incognito Meaning In Hindi.आपको हर browser मे incognito या private mode देखने को मिल जाता होगा। इस मोड में ब्राउजर आपकी search history save नहीं करता है।
इसके अलावा ये कुछ और चीजें भी सेव नहीं करता। लेकिन लोगों में कुछ Misconceptions हैं की यदि आप इनकॉगनीटो मोड में Internet चलाते हैं तो आपको कोई Trace नहीं कर सकता।
इनकॉगनीटो कुछ हद तक आपके इंटरनेट को प्राइवेट करने में सक्षम है.लेकिन उतना नहीं जिन लोग सोचते हैं।
इसलिए यदि आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाएं,और इस बात को जान लें की ये किस हद तक आपके Browsing History को प्राइवेट रखता है. Incognito में भी आपके डाटा को ट्रैक किया जा सकता है।
Incognito Meaning In Hindi :
इनकॉगनीटो मोड, Browser में दी गई एक सुविधा है जो personal Internet चलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इस मोड में इंटरनेट चलाते समय आपका ब्राउजर किसी भी तरह का Data Save नहीं करता है। इस मोड मे आपकी Search History सेव नहीं होती और जैसे ही आप इसे बंद करते हैं इसकी Cookies भी मिट जाती है।
आपने इनकॉगनीटो मोड में जितने समय के लिए इंटरनेट चलाया उतने समय का कोई भी डाटा आपके कंप्युटर में सेव नहीं होता है।
यदि आप चाहते हैं की आप अपने कंप्युटर में कुछ भी ऐसा करें जो कोई और ना जान सके, तो आप इस मोड का Use कर सकते हैं।
लेकिन इस मोड में इंटरनेट चलाने के बावजूद भी जिन वेबसाईट पर आप जाते हैं वो आपका कुछ डाटा कलेक्ट कर सकती हैं।
इसके अलावा आपका Internet Service Provider या Police भी कुछ चीजों को ट्रैस कर सकती है।इन सभी के बारे में हम आगे विस्तार से जानेंगे की आपका कौन सा डाटा ट्रैस हो सकता है और कौन सा नहीं।
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Incognito Kya Karta Hai :
Incognito Browser आपके browsing को private करने के लिए बहुत सारी चीजें मिटा देता है या स्टोर ही नहीं करता।
इसलिए चलिए जानते हैं Incognito Meaning In Hindi में की किस तरह के डाटा को स्टोर नहीं करता है।
Cookies: कूकीस का use पहले वेबसाईट को बेहतर बनाने के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसे आपका ब्राउज़िंग behaviour ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
जब आप किसी Website पर जाते हैं तो वो वेबसाईट आपके ब्राउजर पर एक कूकी छोड़ देता है। अब ये कूकी उस वेबसाईट को आपके ब्राउज़िंग डाटा को ट्रैक करके देती है।
लेकिन यदि आप Incognito Mode में ब्राउज़िंग करते हैं तो ये कूकी को मिटा देता है और आपका कोई भी सर्च डाटा कोई ट्रैक होने से बचाता है।
Browsing History: इनकॉगनीटो मोड में आप जो भी वेबसाईट पर जाते हैं उसका कोई डाटा आपके ब्राउजर में सेव नहीं होता है।
वैसे आपने history में देखा होगा की आप जिस भी webpage पर जाते हैं उसका link और time आपके ब्राउजर में सेव होता है.
लेकिन इनकॉगनीटो मोड में खोले गए webpage का लिंक आपके ब्राउजर मे सेव नहीं होता है।
User Name: अगर आपने गौर किया होगा तो देखा होगा की किसी वेबसाईट पर आप एक बार login करने के लिए यूजर नेम डालते हैं तो next time आपका browser खुद उस user-name को suggestion में देने लगता है।
लेकिन यदि आप इनकॉगनीटो में किसी वेबपेज पर लॉगिन करते हैं तो आपका यूजरनेम सेव नहीं होता है।
Password: Incognito Mode यूजर नेम की तरह Password को भी सेव करके नहीं रखता है।
ये तो बात हो गई की यदि आप Incognito use करते हैं तो क्या-क्या चीजें सेव नहीं हो सकती।लेकिन कुछ चीजें है जिन्हे इनकॉगनीटो के बावजूद भी ट्रैक किया जा सकता है।
तो चलिए उनके बारे में Incognito Meaning In Hindi इस आर्टिकल में जान लेते हैं।
इनकॉगनीटो मोड में क्या चीजें नहीं छिपाई जा सकती हैं?
हमने शुरू में ही एक बात कही थी की इनकॉगनीटो मोड हर तरह की जानकारी को नहीं छिपा सकता है।
ये Brousing History तो नहीं रखता है लेकिन बाकी कई Information इस मोड में भी ट्रैक की जा सकती हैं। जो जानकारियाँ ट्रैस की जा सकती है वो नीचे दि गई हैं-
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- आईपी अड्रेस(ip address):
यदि आप इनकॉगनीटो का इस्तेमाल कर रहे हैं और सोच रहे हैं की आपके आईपी एड्रैस के बारे में किसी को पता नहीं चलेगा तो ऐसा नहीं है। इस मोड में भी आपके इंटरनेट Service Provider और आप जिस Website पर जाते है वो आपके IP Address को ट्रैक कर सकते हैं।
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- इंटरनेट सर्विस देने वाला(Internet service provider):
आप कौन से कंपनी का Sim का इस्तेमाल करके Internet Use कर रहे हैं इस बात की जानकारी भी पुलिस या जिस वेबसाईट पर आप जा रहे हैं ये लोग जान सकते हैं।
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- आपका ब्राउजर (Browser details):
आप जिस Browser का Use करके कोई Website खोलते हैं तो उस व्यक्ति को ये पता चल जाता है की आप कौन सा ब्राउजर इस्तेमाल कर रहे हैं चाहे भले ही आप इनकॉगनीटो मोड का इस्तेमाल कर रहे हों।
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- आपके फोन या अन्य उपकरण (Device details):
Incognito Meaning In Hindi इस आर्टिकल में ये भी आप जान सकते है की Incognito Browser में आपके डिवाइस को भी ट्रैस किया जा सकता है।
इसके अंतर्गत आप कौन से Mobile या Computer से नेट चला रहे हैं उसमें कौन सा Operating System है ये jankari भी ट्रैस हो जाती है। इसके अलावा आपके Device का Screen Size भी पता चल जाता है।
बिना इनकॉगनीटो के आपका कौन सा डाटा ट्रैक होता है :
क्या आपको पता है की जब आप अपने मोबाईल या कंप्युटर में इंटरनेट चला रहे होते हैं तो आपका बहुत सारा Track हो रहा होता है।
आपके Internet Service Provider आपके Browsing को Trace कर सकता है साथ ही आप जिस भी Website पर जाते उस वेबसाईट पर लगे Cookies की वजह से आपका बहुत सारा Data Track हो जाता है.
जिसके बारे में हम ऊपर बात कर चुके हैं।
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- आपका ब्राउज़िंग डाटा क्यों ट्रैस किया जाता है?
आपके Browsing Data और Behavior को ट्रैस करने के पीछे Marketing एक अहम कारण होता है।
कब आप कौन से Website पर जाते हैं और उस पर कितना समय बिताते हैं ये सब जानकारी से ये पता चल जाता है की आप क्या चीज खरीदना चाहते हैं या भविष्य में खरीद सकते हैं। इ
सी की मदद से आपको उसी चीज की Advertisement देखने को मिलती है।
इनकॉगनीटो मोड का इतिहास- History of incognito mode:
- Incognito Mode In Safari Browser
Incognito Mode सबसे पहले Apple के Safari Browser में 2005 में लाया गया।
लोगों की Privacy को ध्यान में रखते हुए बाकी Browser Company ने भी अपने Browser में इनकॉगनीटो मोड की सुविधा देनी शुरू कर दी।
- Incognito Mode In Google Chrome
गूगल क्रोम में ये 2008 में लाया गया। और इसी समय इसका इस्तेमाल काफी Famous हुआ और सभी कंपनियों को इसे अपने ब्राउजर में लाना पड़ा।
इनकॉगनीटो मोड कौन-कौन से वेब ब्राउजर में उपलब्ध है?
इनकॉगनीटो मोड ज्यादातर वेब ब्राउजर में उपलब्ध हैं।इसे Private Browsing के नाम से भी जाना जाता है।
चलिए सभी ब्राउजर के बारे में एक-एक करके जानते हैं।
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- एप्पल सफारी (Apple Safari)
- गूगल क्रोम (Google Chrome)
- माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट इक्स्प्लोरर ( Microsoft Internet Explorer)
- माइक्रोसॉफ्ट एज ( Microsoft Edge)
- मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स ( Mozilla Firefox)
इनकॉगनीटो मोड कैसे चालू करें- incognito kaise chalu kare :
इनकॉगनीटो मोड चालू करना बेहद ही आसान है।
इसके लिए आपको अपना ब्राउजर ओपन करने के बाद ऊपर Three Dots पर Click करना होगा. यदि ये Three Dots नहीं हैं तो जहां से भी आपको Setting या अन्य Option मिलते हैं वहाँ पर क्लिक करें।
उसके बाद “new incognito window” पर क्लिक करें। कुछ Browser में Incognito का दूसरा नाम “new private window” दिया हुआ होता है तो उस पर क्लिक करें।
नीचे दिए गए ब्राउजर मे से सिर्फ गूगल क्रोम में इसको इनकॉगनीटो नाम से जानते हैं।
बाकी के ब्राउजर में इसे Private Browsing के नाम से जाना जाता है।
Incognito Browsing Mode को ओपन करने के लिए शॉर्टकट :
Windows के लिए :
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- Google chrome: (ctrl + shift + n)
- internet explorer: (ctrl + shift + p)
- mozilla firefox: (ctrl + shift + p)
- microsoft edge: (Ctrl + Shift + n)
Apple के लिए :
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- Safari: (command + shift + n)
- Google chrome: (command +shift + n)
- internet explorer: (command + shift + p)
- mozilla firefox: (command + shift + p)
- microsoft edge: (command + Shift + n)
इनकॉगनीटो और वीपीएन – incognito vs Vpn
इनकॉगनीटो के बारे में आप जान चुके हैं की ये आपकी प्राइवेसी को किस हद तक छुपा सकता है।
लेकिन यदि आप और भी अधिक प्राइवेसी को छिपाना चाहते हैं तो इसके लिए VPN का Use कर सकते हैं।
VPN आपके IP Address को बदल देता है और उसकी जगह कोई और एड्रैस दिखाने लगता है।
इतना ही नहीं आप इसमें अपनी मर्जी से अपना Original Location बदलकर उसकी जगह नकली लोकैशन सेट कर सकते हैं।
लेकिन VPN की भी एक सीमा है। अगर Police या कोई Administration Person उस VPN Company के पास जाकर आपके Internet चलाने का Details मांगे तो उस कंपनी को ना चाहते हुए भी ये डाटा उन लोगों को देना पड़ेगा।
VPN का इस्तेमाल आप अपनी Privacy को बनाए रखने के लिए करें तो ठीक है। लेकिन इसका इस्तेमाल करके कोई भी Illegal work ना करें।
Incognito Meaning IN Hindi – इनकॉगनीटो का फायदा- incognito ka fayda
हालांकि इनकॉगनीटो हमे Limited Privacy की Security प्रदान करता है लेकिन फिर भी इसके कुछ फायदे हैं।
चलिए उनके बारे में जानते हैं Incognito Mode In Hindi में.
- जब आप किसी ऐसे वेबसाईट पर जाते हैं जहां पर Cookies का Use किया जाता है तो Incognito Mode उस कूकीस को स्टोर नहीं होने देता है।
- जैसे ही आप अपना काम खत्म करके ब्राउजर बंद करते हैं आपका सारा डाटा डिलीट हो जाता है। ये ठीक ऐसे ही हो जाता है जैसे की आपने उतने समय इंटरनेट नहीं चलाया।
- चूंकि इनकॉगनीटो मोड में कोई ब्राउज़िंग हिस्ट्री सेव नहीं होती है इसलिए आपके बाद अगर कोई आपका Computer Open करके चेक करना चाहे की आपने क्या-क्या किया है वो कुछ भी नहीं खोज पाएगा।
- यदि आप अपने घर में कोई भी ऐसी ब्राउज़िंग करना चाहते हैं जो आप दूसरों को नहीं जानने देना चाहते तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- यदि आप किसी और का कंप्युटर इस्तेमाल कर रहे हैं और आप नहीं चाहते की उसके कंप्युटर में ऐसी कोई भी History रहे जो आप इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसके लिए भी आप इनकॉगनीटो मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
निष्कर्ष: Conclusion
आप ये तो Incognito Meaning In Hindi में जान चुके है इनकॉगनीटो मोड में ब्राउज़िंग करने से आपकी कोई भी सर्च हिस्ट्री सेव नहीं होती है।
इससे फायदा ये होता है कि जो भी वेबसाईट आप खोल रहे हैं आप नहीं चाहते की कोई जाने तो आप इसका इस्तेमाल करके बच सकते हैं।
अगर आप किसी और के कंप्युटर में किसी वेबसाईट पर लॉगिन करते हैं तो आपको ये इस्तेमाल करना चाहिए।
लेकिन यदि चाहते हैं की आपकी IP Address के साथ-साथ और भी jankari secret रहे और किसी को पता ना चले तो आप इसके लिए VPN का इस्तेमाल कर सकते हैं।
हमने Incognito Meaning In Hindi में इसकी संबंधित सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से आपको देने की कोशिश की है।
यदि आपका कोई सवाल हो तो Comment करके जरूर पूछें,हम जल्द ही उसका उत्तर देने की कोशिश करेंगे।