इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स क्या है- नई-नई तकनीकों के आने से लोगों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिले हैं.इसलिए लोगों का जीवन पहले के मुकाबले काफी आसान होता जा रहा है.
खासकर इंटरनेट की आसान उपलब्धता ने तो लोगों का जीवन काफी हद तक पूरी तरीके से बदलकर ही रख दिया है.परंतु यह बदलाव अभी यहीं समाप्त नहीं हुए हैं.
बल्कि जैसे – जैसे समय आगे बढ़ रहा है इंटरनेट की मदद से लोगों के जीवन को और भी आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
पहली बार सुनने पर यह थोड़ा अटपटा और भारी भड़कम सा लगता है इसलिये की यह Words प्रचलित नहीं हे.अगर आपके साथ भी ऐसा है तो फिर इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ें.
तथा इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि यह काम कैसे करता है.साथ ही इस से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.इसलिए,पूरी जानकारी के लिए हम अंत तक read करते है.
इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स क्या है – What is IoT in Hindi
इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स क्या है – इस विषय में आगे बढ़ने से पहले IoT का फुल फॉर्म बता देते हैं.IoT ka full Form Internet of Things होता है.Internet of things शब्द पहली बार सुनने पर ज्यादा कुछ समझ में नहीं आता है.
चलिए हम आपको इसे और आसानी से समझाते हैं.
ध्यान से देखें तो IOT में दो शब्द आते हैं.Internet और Things.इन दोनों शब्दों को अलग – अलग समझकर हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स को आसानी से समझ सकते हैं.
सबसे पहले इंटरनेट की बात करें तो – इंटरनेट क्या है, यह बताने की जरूरत नहीं है.इंटरनेट आज हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण हो चुका है.
आप अगर मोबाइल पर अभी कुछ ऑनलाइन पढ़ पा रहे हैं,तथा ऑनलाइन कुछ देख पा रहे हैं,वह इंटरनेट हे इसलिए सम्भब हो रही है.थिंग्स का मतलब कोई भी वस्तु होता है.
इंटरनेट ऑफ थिंग्स में थिंग्स का मतलब कोई डिवाइस है जैसे की –
- मोबाइल,
- टीवी,
- फ्रिज,
- एयर कंडीशन,
- वाशिंग मशीन,
- कार,
- कैमर इत्यादि इत्यादि.
Internet of Things एक तरह का सिस्टम है.
इसमें आम जीवन में उपयोग होने वाली चीजों को इंटरनेट से Connect कर दिया जाता है.इस सिस्टम में इंसान को कुछ करने की जरूरत नहीं है.
मशीनें इंसानों के इशारों पर ही अपने आप केवल इंटरनेट का उपयोग करते हुए सभी काम करती है.इस में आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर के उपयोग से ही एक एक वस्तु को कंट्रोल कर पाएंगे.
इसके अलावा आप चीजों को अपनी आवाज़ से कंट्रोल कर पाएंगे.इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स क्या है – IOT से जुड़ी चीजें, आपकी आदतों को समझते हुए वह भी काम करने का तरीका याद कर लेगी.ऐसे में तय समय पर आप के कुछ कहे बिना ही वह आपके काम कर दिया करेगी.
IOT System में सभी चीजें –
1.Unique Identification number,
2.Data,
3.सेंसर तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करते हुए काम करती हैं.
वर्तमान में IOT का उपयोग सीमित है. कहा जाता है कि आने वाला समय IOT का ही है.इसे समझने के लिए आप यह समझ लें कि जब इंटरनेट अस्तित्व में आया तो,वह समय IOH का था.
IoH सिस्टम के तहत सभी इंसानों को Internet से जोड़ना था.आज देखें तो काफी हद तक ये पूरा हो चुका है.व्यक्ति आज मोबाइल यह कंप्यूटर का उपयोग करता है.
वह किसी ना किसी रूप से Internet से जुड़ा ही हुआ है.अब इसे ही आगे बढ़ाते हुए,IOH की बजाय अब IOT को लेकर काम किया जा रहा है.
NOTE: IOH ka Full Form – Internet Of Human.
इंसानों की बजाय -इंटरनेट से घरेलू उपयोग में आने वाली,तथा आम इंसान के जीवन में उपयोग आने वाली एक – एक Devices को Internet से जोड़ने का लक्ष्य है.
Internet Of Things काम कैसे करता है – How Does IoT Works in Hindi
IOT मुख्य रुप से -Data,सेंसर and आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए काम करता है.इस सिस्टम के तहत सबसे पहले चीजों (Devices) को Internet से जोड़ा जाता है.
IOT केवल उन्हीं डिवाइसेज को जोड़ा जा सकता है, जो कि UNIC ID नंबर के साथ आता है.Because इस सिस्टम से जुड़ी हुई चीज़े आपस में डेटा का आदान प्रदान करते हैं, and उसी आधार पर इस सिस्टम से जुड़ी चीज़ों का एक्शन तय होता है.
IOT कैसे काम करता है इसे आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं.
मान लीजिए आपके घर में एक AC लगा हुआ है, and वह AC internet of things Network से जुड़ा हुआ है.अब मान लीजिए की आप किसी दिन घर से बाहर चले गए and AC बंद करना भूल गए हैं, ऐसे में अब एसी के पास लगा सेंसर यह पता लगा लेगा कि आपके घर में कोई नहीं है.
ऐसे में एसी का सेंसर यह सूचना IOT System के मेन सर्वर को देगा.वहां से एक नोटिफिकेशन आपके मोबाइल पर जाएगा, कि आपका ऐसी अभी तक चालू है.ऐसे में आप तुरंत जहां भी रहेंगे, वहीं से मोबाइल पर एक क्लिक से ऐसी बंद कर लेंगे.
इसके अलावा यह काम AC अपने आप भी कर सकता है. इसी तरह मान लीजिए की आप घर के बाहर हैं.तथा आप चाहते हैं आपके घर पर पहुंचने के पहले ही आपका AC चालू हो,तथा आपका कमरा ठंडा हो.
IOT सिस्टम से AC के जुड़े होने पर यह आप बड़ी आसानी से कर सकते हैं. इतना समझ ले कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स केवल एसी, फ्रीज इत्यादि से जुड़ा हुआ ही नहीं है बल्कि इससे Smart Car से लेकर, जीवन की एक एक चीज जुड़ी हुई हो सकती है,
शुरुआत कब हुई थी – History of IOT in Hindi
सबसे पहली बार Internet of Things शब्द 1999 में Kevin Ashton ने दिया था. डिवाइसेज को इंटरनेट से जोड़ने का कंसेप्ट सबसे पहले इन्होंने ही दिया था. समय के साथ IOT ने काफी प्रगति की है. वर्तमान समय में बड़े स्तर पर इसका उपयोग किया जा रहा है.
उपयोग क्या है – Use of IOT in Hindi
Internet of Things का उपयोग क्या है, वह आप ऊपर दिए उदाहरणों से आप समझ गए होंगे. फिर भी इस पर बात करें तो IOT का उपयोग आम आदमी के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है.
माना जाता है कि जब इसका उपयोग बिलकुल आम हो जाएगा, and लोगों का जीवन आज के मुकाबले काफी आसान हो जाएगा.
इससे समय के साथ-साथ पैसों की भी काफी बचत होगी. So,कुल मिलाकर कहें तो IOT के उपयोग से लोगों का जीवन Smart हो जाएगा.
जिस तरह ऑक्सीजन आज जीवन के लिए जरूरी है, उसी तरह जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए,भविष्य में आज से कहीं अधिक इंटरनेट आवश्यक हो जाएगा.
वर्तमान समय में भी इंटरनेट के बिना सफल जीवन की कल्पना असंभव सी लगती है.हमारे आम जीवन में इंटरनेट ऑफ थिंग्स का क्या उपयोग हो सकता है.
उसे हम इस तरह समझ सकते हैं कि, जो भी चीजें हम आम जीवन में उपयोग करते हैं, वह सभी इंटरनेट से जुड़ जाएगा.
उदाहरण के तौर पर आज अगर हमें अपने कमरे में लगे पंखे को ऑन करना होता है तो वह हमें उठकर स्विच ऑन करना होगा. तब जाकर पंखा चलेगा.
When Fan,IOT से जुड़ जाएंगे तो हमें केवल अपने मोबाइल पर एक क्लिक करना होगा,and पंखा ऑन हो जाएगा. इससे भी आसान यह होगा कि हम केवल एक बार आवाज देंगे, और पंखा ऑन हो जाएगा.
इसी तरह हम घर में मौजूद AC, फ्रिज, वाशिंग मशीन, टीवी, बल्ब, दरवाजे, खिड़की इत्यादि को भी कंट्रोल कर सकते हैं.
परिवहन के क्षेत्र में भी IOT Network के आ जाने से क्रांतिकारी बदलाव आ जाएंगे.
When ट्रैफिक सिग्नल IOT से जुड़ जाएंगे and जब कभी किसी एक रूट पर काफी ज्यादा ट्रैफिक होगी,लोगों को यह संदेश मिल जाएगा कि इस रूट पर ज्यादा ट्रैफिक हे, So उन्हें वैकल्पिक मार्गों का सुझाव दे दिया जाएगा.
ऐसे में लोगों का काफी समय बच जाएगा. Smart Car या Without Driver कार की बात अभी की जा रही है वह भी IOT के ही एक उदाहरण है.
Smart कार पूरी तरह इंटरनेट से जुड़ा होगा.आपको किसी ड्राइवर की जरूरत नहीं होगी. Because कार में लगे सेंसर ही सारे काम करेंगे.
IOT से जुड़े इन कारों में ऐसे सिस्टम लगे होंगे कि, दुर्भाग्यवश अगर आपका कहीं एक्सीडेंट हो जाता है. तथा आप इस स्थिति में नहीं है कि अपने परिचित को इस बारे में सूचित कर पाएं, तो यह काम आपका कार खुद ही कर लेगा.
कार में ऐसे सेंसर लगे होंगे कि वह यह भांप जाएगा कि कार का एक्सीडेंट हुआ है तथा उसमें मौजूद व्यक्ति इस स्थिति में नहीं है कि वह किसी को सूचित कर पाए.
ऐसे में कार में मौजूद सेंसर यह सूचना डाटा सेंटर को देगा. यहां से तत्काल ही आपके द्वारा पहले से चुने गए व्यक्ति को अपने आप सूचना चला जाएगा कि आपकी कार का एक्सीडेंट हुआ है.आपकी लोकेशन भी चली जाएगी.
Accident होने पर कार अपने आप ही डाटा का इस्तेमाल करते हुए, सबसे नजदीकी अस्पताल को यह संदेश भेजेगा.
और बताएगा की इस स्थान पर एक्सीडेंट हुआ है. जिससे कि आप तक एंबुलेंस पहुंच जाएगी. इन सबके अलावा स्वास्थ क्षेत्र में भी IOT क्रांतिकारी साबित होंगे.
वर्तमान समय में जो स्मार्ट वॉच हम पहनते हैं वह IOT का ही एक उदाहरण है. आज बाजार में ऐसे डिवाइसेज उपलब्ध है जो कि इंटरनेट से जुड़े होते हैं तथा आपके स्वास्थ्य पर नजर रखते हैं.
वह बताते हैं कि आप का ब्लड प्रेशर कितना है, आपकी हृदय गति कितनी है, आपका स्वास्थ्य किस तरह चल रहा है इत्यादि.
इंटरनेट ऑफ थिंग्स से जुड़े डिवाइसेज आपके स्वास्थ्य के आधार पर ही आपको उपयोगी सुझाव भी देते रहते हैं. कुल मिलाकर देखें तो इंटरनेट ऑफ थिंग्स का उपयोग तथा इससे होने वाले फायदे असीमित हैं.यही कारण है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स को ही भविष्य माना जा रहा है.
नुकसान – Danger of IoT in Hindi
इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स क्या है – कहा जाता है कि जिससे जितना ज्यादा फायदा होता है उससे उतने ही बड़े नुकसान का भी खतरा होता है. यही बात Internet of Things के साथ भी लागू होती है.
एक ओर जहां इंटरनेट ऑफ थिंग्स से जुड़ी असीमित संभावनाएं है But इससे जुड़े कई संभावित नुकसान भी हैं जो कि निम्नलिखित हैं –
- डेटा चोरी –
वर्तमान समय में भी देखे तो जहां एक और इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है. And, डाटा चोरी की खबरों में भी काफी तेजी आई है. आए दिन बड़ी – बड़ी कंपनियों से डाटा चोरी की खबरें आती रहती हैं.
ऐसा तब है जब कि हम लोग फिलहाल केवल मोबाइल या कंप्यूटर पर ही इंटरनेट का उपयोग करते हैं. चूंकि internet of things technique से आम आदमी के जीवन में उपयोग आने वाली सभी चीजें इंटरनेट से ही जुड़ी होंगी.
ऐसे में उन पर एक इंसान से जुड़े सभी डेटा मौजूद होंगे. ऐसे में उन Data की चोरी का खतरा हमेशा बना रहेगा. वर्तमान समय में डेटा चोरी को रोकने का लेकर कोई ठोस रणनीति कहीं भी नज़र नहीं आ रही है.
- हैकिंग का ख़तरा –
कहां जाता है कि जो भी चीज इंटरनेट से जुड़ी हुई है उन्हें हैक किया जा सकता है.इसलिए हैकिंग का खतरा बढ़ जाता हे. चाहे वह कुछ भी हो.
ऐसे में जब घर की एक – एक चीज इंटरनेट से जुड़ी हो और उसे हैक कर लिया जाए तो कितनी मुश्किल होगी, उसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है.इसलिये इसे यूज़ करने के पहले ईस दिक्कत को जरूर ध्यान रखे.
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आप का AC इंटरनेट से जुड़ा हुआ है. अब अगर आपका सिस्टम हैक हो गया है तो आप चाह कर भी AC को ऑन नहीं कर पाएंगे.
इसी तरह अगर आप का फ्रिज इंटरनेट से जुड़ा हुआ है तो उसे कोई और नियंत्रित कर रहा होगा. इसी तरह IOT सिस्टम से जुड़े अन्य डिवाइसेज के हैक होने का खतरा काफी अधिक है.
- निजता का हनन –
विशेषज्ञों की मानें तो जैसे-जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स का उपयोग बढ़ेंगे लोगों की निजता के हनन के मामले भी काफी अधिक बढ़ेंगे. इसलिए एक तरह से लोगों की पूरी Privacy ही खतरे में आ जाएगी.
- साईबर अटैक –
इंटरनेट के आगमन के समय से ही साइबर सुरक्षा चिंता का विषय रहा है. आए दिन साइबर अटैक की खबरें आती रहती हैं. And माना जाता है कि जब Internet of Things – का उपयोग बढ़ेगा तो cyber-attack में भी काफी इजाफा हो जाएगा.
Because वर्तमान समय में कई बार ट्विटर, फेसबुक जैसी बड़ी-बड़ी साइट्स भी कभी कभी काम करना बंद कर देती है. Servar डाउन हो जाता है, ऐसे में डेली लाइफ से जुड़ी डिवाइसेज जिन सर्वर से जुड़े होंगे यह सभी काम करना बंद कर देंगे. ऐसे में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पर सकता है.
निष्कर्ष – Conclusion
कुल मिलाकर देखें तो इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स क्या है को भविष्य कहना गलत नही होगा.But इसके आम हो जाने से लोगों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है. लोगों का जीवन आज की तुलना में काफी आसान हो जाएगा.