Mutual Fund Kya Hai

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Mutual Fund Kya Hai

Mutual Fund Kya Hai को लेकर अगर आपके दिमाग में भी ये सवाल है जैसे की  Mutual Fund kya hai ? इसमें कैसे निवेश करते है? क्या म्यूचुअल फंड में Investment करना सही है? और क्या हम म्यूचुअल फंड में निवेश करके हर महीने पैसा कमा सकते है? तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है| क्योंकि इस लेख में हम आपके साथ Mutual Fund Information शेयर करने वाले है|

इस लेख को पढने के बाद म्यूचुअल फंड से संबंधित आपके सभी संदेह दूर हो जाएँगे, साथ ही आप Mutual Fund Investment के लिए तैयार हो जाएँगे| तो आइये जानते है पूरी जानकारी विस्तार से…

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1 What is Mutual Fund – Types of Mutual Funds Explained in Hindi.

What is Mutual Fund – Types of Mutual Funds Explained in Hindi.

निवेश करना जरुरी क्यों है? – Why Investment is Necessary.

Mutual Fund या किसी भी और विकल्प को चुनकर अपने पैसों का निवेश करने से पहले आपको ये जानना जरूरी है की पैसों का निवेश करना आखिर जरूरी क्यों है? Inflation यानी की महँगाई देश की आजादी से लेकर अभी तक हर साल करीब 2% से 6% के बीच के दर बढ़ रही है|

और महँगाई बढ़ने के साथ पैसों का मूल्य कम होता जा रहा है| हमारा कहने का मतलब ये है की 1947 की 100 रुपये की नोट अभी भी 100 रुपये की ही गिनी जाती है|

लेकिन उसका मूल्य कम हो गया है, यानी की जो सामान 1947 में 100 रुपये मिलता था, उस सामान खरीदने के लिए अभी कई गुना ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा|

महँगाई और पैसों के मूल्य के इसी सम्बन्ध के कारण पैसों को सिर्फ बचाना काफी नहीं है, बल्कि उसका निवेश भी करना जरूरी है| क्योंकि जैसे हर साल पैसों का मूल्य कम हो रहा है, वैसे निवेश किये गए पैसों का मूल्य हर साल बढ़ता है|

आइये एक उदाहरण से समझते है| मान लीजिये 2% Inflation Rate से पिछले साल के 1000 रुपये का मूल्य इस साल 980 रुपये हो गया है|

और पिछले साल आपने अपने 1000 रुपयों का Investment कर रखे थे, जो की एक साल बाद 20% Return के साथ आज 1200 रुपये हो गए है|

तो बढती हुई महँगाई से आपके बचत किये हुए पैसों के मूल्य को कोई फर्क नहीं पड़ा| इसीलिए निवेश करना जरूरी है|

म्यूचुअल फंड क्या है.

Mutual Fund अलग अलग तरह के बोंड्स, शेयर्स और गवर्नमेंट स्कीम्स को मिलाकर बनाये जानेवाला एक फंड है| आसान भाषा में कहे तो ये एक ऐसा Investment Option है| जिसमे आपको सिर्फ अपने लिए सही Mutual Fund चुनकर उसमे पैसे निवेश करने होते है|

फिर उस Mutual Fund को मैनेज करनेवाले अनुभवी Managers आपके पैसों को अलग अलग जगहों पर Invest करते है| जिससे आपको अपने पैसों पर अच्छा ख़ासा Return मिलता है|

म्यूचुअल Funds को मैनेज करने वाली कम्पनीज को Asset Management Company यानी AMC कहते है| एसेट मैनेजमेंट कम्पनीज अलग अलग केटेगरी के म्यूचुअल फंड्स को लॉन्च करती है|

जिसमे हम और आप जैसे Retail Investors अपने पैसे Invest करते है| इन पैसों को ये कम्पनीज अलग अलग जगहों जैसे की शेयर मार्किट, बोंड्स और गवर्नमेंट स्कीम्स में निवेश करती है|

आपके द्वारा की गई Investment पर जो Return मिलता है, उसमे से Asset Management Company करीब 1% से 2% हिस्सा अपने पास रख लेती है और बाकी का मुनाफ़ा आपको दे देती है|

AMC की हर एक म्यूचुअल फंड स्कीम में हजारों करोड़ों रुपये निवेश किये जाते है| जिसके मुनाफ़े से एक से दो प्रतिशत मिलना उनके लिए बोहोत फ़ायदेमंद होता है|

बात करें Mutual Fund से हमें क्या फायदा मिलता है तो सिर्फ एक से दो प्रतिशत रिटर्न शेयर करने से हमारा पैसा बोहोत ज्यादा अनुभवी निवेशक मार्किट में इन्वेस्ट करते है|

जिसकी वजह से हमारे पास मार्किट की पूरी जानकारी ना होने के बाद भी हमारे पैसे सही जगहों पर निवेश हो जाते है| जिससे हमें Low Risk पर High Returns मिलते है|

म्यूचुअल फंड कितने रिस्की होते है? – Mutual Fund Investment Risk Explain in Hindi.

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने से पहले हम सभी के दिमाग में ये सवाल तो जरुर आता है की आखिर ये कितने रिस्की है और इससे हमें कितना Return मिलेगा|

तो बता दें की Risk vs Return अलग अलग केटेगरी के म्यूचुअल फंड के लिए अलग अलग होता है| कुछ फंड्स में आपके पैसे बोंड्स और गवर्नमेंट स्कीम  में इन्वेस्ट किये जाते है तो रिस्क कम रहती है और रिटर्न भी कम मिलता है|

वहीँ कुछ फंड्स में आपके पैसे शेयर बाजार में इन्वेस्ट किये जाते है, तो रिस्क थोड़ी ज्यादा रहती है और Return भी ज्यादा मिलता है|

Risk Vs Return के इस कांसेप्ट को हम ऐसे समझ सकते है की कम रिस्क तो कम रिटर्न, मीडियम रिस्क तो मीडियम रिटर्न और ज्यादा रिस्क तो ज्यादा रिटर्न|



म्यूचुअल फंड्स के प्रकार – Types of Mutual Fund in Hindi.

म्यूचुअल फंड्स के मुख्य तीन प्रकार होते है, Equity Mutual Funds, Debt Mutual Funds और Hybrid Mutual Funds. इन सभी Types के कुछ Subtypes भी होते है, आइये जानते है म्यूचुअल फंड के प्रकारों के बारें में विस्तार से|



इक्विटी म्यूचुअल फंड्स – Equity Mutual Funds Explained in Hindi.

इक्विटी म्यूचुअल फंड में Investment करना थोडा ज्यादा Risky होता है, लेकिन ये ज्यादा Returns भी देते है|

इस फंड में AMC आपके पैसे स्टॉक मार्किट में निवेश करती है| इसीलिए ज्यादातर लोग इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में ही इन्वेस्ट करते है|

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के मुख्य 5 प्रकार है| आइये जानते है Equity Mutual Fund Information

1) Largecap Equity Funds:

इस केटेगरी के फंड में Asset Management Company आपके पैसे उन कम्पनीज के स्टॉक्स में इन्वेस्ट करती है, जिनका मार्किट कैपिटल 5 Billion Dollars से ज्यादा होता है|

लार्ज कैप म्यूचुअल फंड्स कम रिस्की होते है और Return on Investment भी कम ही मिलता है, क्योंकि बड़ी कंपनी अचानक तेजी से ग्रो नहीं करती|

2) Small/MidCap Equity Funds:

इस टाइप के फंड में AMC आपके पैसे छोटी और मध्यम कम्पनीज में निवेश करती है| ये ऐसी कम्पनीज होती है जिनका मार्किट कैपिटल 5 Billion Dollars से कम होता है|

छोटी कम्पनीज के पास विकास करने के लिए ज्यादा अवसर होते है, इसीलिए इन फंड्स में Return ज्यादा मिलता है| लेकिन छोटी कम्पनीज में Investment के Loss में जाने की रिस्क भी ज्यादा होती है|

3) Multicap Equity Funds:

इस टाइप के Mutual Fund में अगर आप निवेश करते हो तो आपके पैसे Fund Managers छोटी और बड़ी दोनों तरह की कम्पनीज में निवेश करते है|

जिसकी वजह से इस प्रकार के फंड्स में Smallcap से कम रिस्क और Largecap से ज्यादा रिस्क रहती है| वहीँ Return भी अच्छा खासा मिल जाता है|

4) Sector Equity Funds:

इक्विटी फंड्स के इस प्रकार में एसेट मैनेजमेंट कम्पनीज आपके पैसों को किसी भी एक विशिष्ट क्षेत्र जैसे की आईटी, बैंकिंग, फार्मा, वग़ैरा|

इस तरह के फंड्स में इन्वेस्ट करने का एक फायदा ये होता है की किसी sector में एक कंपनी का परफॉरमेंस खराब रहा तो दूसरी का अच्छा हो सकता है| वहीँ Risk ये होती है की कई बार किसी एक क्षेत्र की लगभग सभी कम्पनीज कुछ समय के लिए Loss में चली जाती है|

लेकिन Overall Sector Equity Funds में Medium Risk होती है|

5) ELSS or Tax Saving Equity Funds:

अगर आप Tax Save करना चाहते है तो ये फंड्स आपके लिए एक बेहतर चुनाव हो सकते है| इन Mutual Fund Schemes में आईटी एक्ट 80c के तहत कुछ लिमिट की इन्वेस्टमेंट और प्रॉफिट दोनों पर टैक्स फ्री रहती है|

अगर आप थोड़ी सी ज्यादा रिस्क लेकर ज्यादा मुनाफ़ा कमाना चाहते है तो आप Equity Mutual Fund Schemes में निवेश कर कर सकते है|

डेब्ट म्यूचुअल फंड्स – Debt Mutual Funds Explained in Hindi.

डेब्ट म्यूचुअल फंड्स रिस्क के मामले में बोहोत सेफ होते है, लेकिन Returns भी कम ही देते है|

क्योंकि इन फंड्स में एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपके पैसे Banks, Corporate और Government Schemes और Bonds में इन्वेस्ट करती है| Debt Mutual Funds in Hindi के मुख्य 6 प्रकार है|

1) Liquid Debt Funds:

इस केटेगरी की फंड स्कीम्स को सबसे सुरक्षित माना जाता है| लिक्विड डेब्ट फंड्स में आपके पैसे गवर्नमेंट और बैंक्स के बोंड्स में निवेश किये जाते है|

इन म्यूचुअल फंड्स का Maturity Period 90 दिनों का होता है, यानी की इन्वेस्टमेंट 90 दिनों के बाद आप अपने पैसों को लिक्विड फंड्स से निकाल सकते है| Returns की बात करें तो Liquid Debt Fund फ़िक्स डिपाजिट जितना ही Return देते है|

2) Ultra Short Term Debt Funds:

Mutual Fund Kya Hai में इस प्रकार की म्यूचुअल फंड स्कीम में फंड मेनेजर्स आपके निवेश किये गए पैसों को Banks, Corporates और Government के बोंड्स में इन्वेस्ट करते है|

इस फंड का Maturity Period 1 साल का होता है| यानी निवेश किये गए पैसों को आप एक साल के बाद ही Liquidate कर सकते है| अल्ट्रा शोर्ट टर्म फंड्स में निवेश करने का फायदा ये है की ये आपको fixed deposit से करीब 2% ज्यादा Returns देते है|

3) Mid/ Short Term Debt Funds:

इस तरह की म्यूचुअल फंड Schemes को हम एक तरह से Fixed Deposit ही कहे सकते है| क्यूंकि इनमे निवेश किये गए पैसों को आप 3 से 6 साल के बाद ही निकाल सकते है|

हांलाकि Short Term Debt Mutual Fund FD से 2% से 5% ज्यादा Return देते है| अगर आप अपने पैसों को कुछ सालों के लिए निवेश करके अच्छा ROI पाना चाहते है, तो इन Funds में निवेश करने के बारें में जरुर सोच सकते है|

4) Gilt Long Term Debt Funds:

एसेट मैनेजमेंट कम्पनीज इस प्रकार के Funds को Government of India के Bonds में निवेश करती है| वहीँ इनका Maturity Period 7 से 12 साल तक का होता है|

इस प्रकार के म्यूचुअल फंड्स प्रिंसिपल अमाउंट के मामले में तो काफी सेफ माने जाते है, लेकिन इनमे Interest Rate High होने की रिस्क होती है| Gilt Long Term Mutual Fund से हमें फ़िक्स डिपाजिट से 3% तक ज्यादा Returns मिलते है|

5) Dynamic Debt Funds:

नाम से ही पता चलता है की इस प्रकार के म्यूचुअल फंड्स के फंड मैनेजर Interest Rate के मुताबिक़ अलग अलग तरह के Bonds में आपके पैसे निवेश करते है| इसीलिए इन Funds में निवेश करके आप अपना पैसा कब Liquidate कर सकते है, वो Maturity Period अलग अलग हो सकता है|

हांलाकि आपके द्वारा निवेश किये गए पैसे Dynamic Mutual Funds में सुरक्षित रहते है| इन फंड्स में आपको फ़िक्स डिपाजिट से करीब 3% ज्यादा Return मिलता है|

6) Income Debt Funds:

इस विशेष प्रकार के फंड्स में एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपका पैसा ऐसे Bonds में Invest करती है, जहाँ से आपको Regular Income मिलती रहे|

रिस्क के मामले में Income Debt Mutual Fund शोर्ट टर्म डेब्ट फंड्स से थोड़े ज्यादा रिस्की और लॉन्ग टर्म डेब्ट फंड्स से थोड़े कम रिस्की होते है|

7) Credit Opportunities Debt Funds:

इस प्रकार की म्यूचुअल फंड्स स्कीम में आपका पैसा ऐसे कॉर्पोरेट बोंड्स में निवेश किया जाता है, जो Investment पर ज्यादा से ज्यादा Returns देतें है|

Credit Opportunities Fund को सबसे ज्यादा रिस्की Debt Mutual Fund के रूप में जाना जाता है| इस टाइप के फंड्स में आपको Returns भी अच्छे मिल जाते है|

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स – Hybrid Mutual Funds Explained in Hindi.

Mutual Fund Kya Hai में हाइब्रिड Mutual Funds में आपके द्वारा निवेश किये गए पैसों को Fund Manage करनेवाली कम्पनीज शेयर मार्किट के साथ कॉर्पोरेट और गवर्नमेंट बोंड्स में भी निवेश करती है|

आसान शब्दों में Hybrid Funds को Equity और Debt दोनों ही प्रकार के फंड्स को मिलाकर बनाया गया है| Hybrid Mutual Fund के मुख्य तीन प्रकार है|

1) Balanced Hybrid Funds:

इन Equity Oriented Hybrid Funds में आपके द्वारा निवेश की गई Money के 65% को एसेट मैनेजमेंट कंपनी शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करती है और बाकी के 35% को Long Term Debt Bonds में इन्वेस्ट करती है|

हांलाकि टैक्स के उद्देश्य से इन्हें इक्विटी म्यूचुअल फंड ही माना जाता है|

2) Debt Oriented Hybrid Funds:

इस प्रकार की Mutual Fund Scheme में अगर आप अपने पैसों का निवेश करते हो तो Mutual Fund मैनेजिंग कम्पनी उस अमाउंट का बड़ा हिस्सा Debt में यानी की Government Bonds में Invest करती है और छोटा हिस्सा Equity यानी की स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट करती है|

इसीलिए टैक्स के उद्देश्य से इन्हें डेब्ट म्यूचुअल फंड माना जाता है|

3) Other Hybrid Funds:

इस प्रकार की Mutual Fund in Hindi स्कीम में निवेश करने का मतलब होता है एसेट मैनेजमेंट कंपनी को आपके पैसे किसी भी जगह निवेश करने का पूरा अधिकार देना|

फंड मेनेजर्स इस म्यूचुअल फंड स्कीम के पैसों का निवेश सभी प्रकार की सिक्यूरिटीज जैसे की Equity, Debt और Gold में करते है| हांलाकि टैक्स के उद्देश्य से इन्हें डेब्ट म्यूचुअल फंड माना जाता है|

Role of AMC or Mutual Fund House in Investing.

जैसा की हमने इस लेख की शुरुआत में उल्लेख किया था की Mutual Fund House या Asset Management कंपनी अलग अलग प्रकार की म्यूचुअल फंड स्कीम लॉन्च करती है| और हम Retail Investors के पैसे Different Securities में Invest करती है|

इन AMC कम्पनीज का म्यूचुअल फंड्स में सबसे बड़ी भूमिका होती है, हमारे निवेश का विविधीकरण (Diversification of Investment) करना|

Mutual Funds का सबसे बड़ा फायदा ही यही कई की आपके पैसे कई जगहों पर निवेश किये जाते है, जिससे अगर एक जगह से Loss हुआ भी तो दूसरी और तीसरी जगह से मुनाफ़ा हो सकता है| आइये इसे एक उदाहरण से समझते है|

मान लीजिये आपके पास 1000 रुपये है, तो क्या अलग अलग 10 जगहों पर निवेश करना आपके लिए मुमकिन होगा? नहीं!

लेकिन आप जैसे 1000 रुपये म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करनेवाले 1000 लोग है यानी की Mutual Fund House के पास टोटल 1 लाख रुपये हो गए| जिन्हें वो आसानी से 10 जगहों पर निवेश कर सकते है| इसीलिए निवेश के विविधीकरण में एसेट मैनेजमेंट कम्पनीज बहुत बड़ी भूमिका निभाती है|

हर किसी को निवेश करने के लिए ज्यादा अनुभव और जानकारी नहीं होती, ऐसे में हमें सिर्फ Mutual Fund में पैसों को निवेश करना होता है|

बाकी कहाँ निवेश करना है और कहाँ से कितना Return मिलेगा ये सभी फंड हाउस की अनुभवी टीम तय करती है| जिससे निवेश में नुकसान होने के संयोग थोड़े कम हो जाते है|

Top 15 Fund Houses or Asset Management Companies in India.

Sr No.

टॉप 15 म्यूचुअल फंड हाउस

1 HDFC Mutual Fund
2 SBI Mutual Fund
3 ICICI Prudential Mutual Fund
4 Reliance Mutual Fund
5 Franklin Templeton Mutual Fund
6 Aditya Birla Sun Life Mutual Fund
7 DSP BlackRock Mutual Fund
8 Kotak Mutual Fund
9 IDFC Mutual Fund
10 Tata Mutual Fund
11 Principal Mutual Fund
12 Invesco Mutual Fund
13 Sundaram Mutual Fund
14 L & T Mutual Fund
15 UTI Mutual Fund

 

म्यूचुअल फंड्स में निवेश कैसे करे – How to Invest in Mutual Funds in India.

Mutual Fund Kya Hai में निवेश करने के मुख्य चार तरीके है| सबसे पहला तरीका है आप जिस म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते है, उसे मैनेज करनेवाली Asset Management Company से डायरेक्ट कांटेक्ट करके Funds में Investment करना|

जिसके लिए आप कंपनी की ऑफिस में जाकर या फिर Official Website पर विजिट करके Formalities पूरी करके निवेश कर सकते है|

दूसरा तरीका है अपनी एरिया के आसपास के Mutual Fund Distributor से Contact करके उसके Through म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना|

म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का तीसरा तरीका है अपनी बैंक के जरिये डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना, अभी के समय में लगभग सभी बैंक्स में Mutual Funds Investing के विकल्प आ गए है|

जिसके बारें में आप आपका जिस बैंक में अकाउंट है वहां जाकर पता कर सकते है|

चौथा तरीका है Online Mutual Fund Platforms पर विजिट करके अपना अकाउंट बनाकर उनके जरिये म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट करना|

उदाहरण के रूप में आपने Groww एप्लीकेशन की Advertise जरुर देखी होगी, वो म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है| भारत में ऐसे ही कई डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मौजूद है|

भारत में मौजूद टॉप 8 म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म.

Sr No. Top 8 Best Mutual Fund Apps and Platforms 2021
1 Groww
2 Kuvera
3 ETMoney
4 Zerodha
5 Goalwise
6 Upstox
7 Piggy
8 Paytm Money

 

SIP And One Time Investment Plan Kya Hota Hai.

Mutual Funds Kya Hai में निवेश करने के तरीकों को समझने के बाद अब सवाल आता है की म्यूचुअल फंड में पैसा किन तरीकों से निवेश किया जाता है| जिसके मुख्य दो तरीके है| आइये जानते है पूरी जानकारी.

  • SIP:

SIP यानी Systematic Investment Plan के जरिये आप म्यूचुअल फंड में एक फिक्स अमाउंट Regularly निवेश कर सकते है| उदाहरण की बात करें तो मान लीजिये आपने किसी भी म्यूचुअल फंड में 1000 रुपये की SIP को हर महीने की 10 तारीख को शुरू करवाई|

तो हर महीने 10वी तारीख के दिन आपके बैंक अकाउंट में से 1000 रुपये Deduct होकर म्यूचुअल फंड्स में जमा हो जाएंगे|

  • One Time Investment Plan:

इस तरीके से आप एक ही बार में जितना चाहे उतना पैसा म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते है| ये तरीका उन लोगों के लिए है जो की हर महीने नहीं बल्कि पैसों की बचत करके एक ही बार में निवेश कर देते है|

निष्कर्ष – Conclusion

उम्मीद करते है Mutual Fund Kya Hai टॉपिक के बारें में आपके सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस आर्टिकल में मिल गए होंगे.

अगर आपको इस What is Mutual Fund in Hindi के रिलेटेड कोई सुझाव या सवाल हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है| आपके सवालों के जवाब देकर हमें भी अच्छा लगेगा| इस Types of Mutual Fund In Hindi को अपने सभी दोस्तों और परिवारजनों के साथ भी जरुर शेयर कीजिएगा, धन्यवाद|

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