Pawan Chakki क्या हे. Windmill Generate Energy.

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Pawan Chakki क्या हे
Image : Zbynek Burival

Pawan Chakki क्या हे.इलेक्ट्रिसिटी यानी बिजली मनुष्यों के मूल आवश्यकताओं में से एक चीज है.घर में उपयोग होने वाली छोटी – बड़ी कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें चलाने के लिए हमें बिजली की आवश्यकता होती है.अगर एक दिन बिजली नहीं आती है तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.विश्व की जितनी आबादी है उन सभी को बिजली की आवश्यकता होती है.

ऐसे में उन सभी तक बिजली पहुंचाने के लिए बिजली का उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाता है.आमतौर से बिजली उत्पादन के लिए परमाणु संयंत्रों, कोयला से चलने वाले बिजली घरों, पनबिजली घरों इत्यादि का उपयोग किया जाता है.

यह सभी बिजली उत्पादन के पारंपरिक तरीके हैं. इन तरीकों से बिजली उत्पादन के लिए लागत काफी अधिक आती है.तथा प्राकृतिक संसाधनों का भी नुकसान काफी अधिक होता है.

चूंकि बिजली उत्पादन के लिए अन्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करना पड़ता है.जिसकी उपलब्धता सीमित है.इसी कारण पिछले कुछ वर्षों से बिजली उत्पादन के वैकल्पिक तरीकों पर काफी बात की जाती रही है.

हवा की मदद से बिजली उत्पादन भी उन्हीं वैकल्पिक तरीकों में से एक तरीका है.हवा की मदद से बिजली उत्पादन का तरीका काफी पुराना है.लेकिन यह आमतौर से उपयोग में नहीं है.इस कारण काफी लोगों को नहीं पता होता है कि हवा से भी बिजली बनाई जा सकती है.

हवा से ही बिजली उत्पादन करने के लिए पवन चक्की यानी Windmill की मदद ली जाती है.आज आपको हम Pawan Chakki क्या हे इस आर्टिकल में इसी विषय में विस्तार से बताएंगे.

Pawan Chakki क्या है – What is Windmill in Hindi :

अगर आप भी जानना चाहते हैं कि Pawanchakki kya hai या Windmills kya hai तो इसका जवाब हम आपको इस आर्टिकल में दे रहे हैं.

Windmill Definition in Hindi :

Windmill एक ऐसी मशीन है जिसकी मदद से हवा के द्वारा बिजली पैदा की जाती है.यह मशीन पवन ऊर्जा (Wind Power) को घूर्णिय ऊर्जा (Rotational Energy) में फिर विद्युत ऊर्जा में बदलती है.

पवनचक्की कैसे ऊर्जा पैदा करता है –  How Windmill Generate Energy in Hindi :

Pawan Chakki क्या है. पवन चक्की हवा के माध्यम से बिजली हवा की गति का उपयोग करते हुए उत्पन्न करता है.पवन चक्की हवा से किस तरह बिजली पैदा करता है, यह पवन चक्की की बनावट को जानकर आसानी से समझ सकते हैं.

पवन चक्की के सबसे ऊपरी भाग पर एक बड़ा सा Box बना होता है.उस बॉक्स में ही बिजली उत्पादन के लिए ज़रूरी सभी आवश्यक Parts लगे होते हैं. इसमें सबसे आवश्यक ब्लेड, जेनरेटर, Gear Box इत्यादि लगे होते हैं.

जब हवा चलती है तो पवन चक्की के सबसे ऊपरी भाग पर लगे ब्लेड Rotor की मदद से घूमने लगते हैं.यह ब्लेड एक गेयर बॉक्स से जुड़े होते हैं.

गेयर बॉक्स का काम ये होता है कि वह ब्लेड के घूमने की स्पीड को बढ़ा देते हैं.जो गियरबॉक्स ब्लेड की स्पीड बढ़ाता है, वह दूसरे सिरे पर जेनरेटर से जुड़ा हुआ होता है.ब्लेड की स्पीड बढ़ने की वजह से गियरबॉक्स की मदद से जुड़ा हुआ जेनरेटर में लगा रोटेटर भी घूमने लगता है.इस तरह आसानी से बिजली पैदा होने लगता है.

विंडमिल्स कैसे काम करता है – How Windmill Works :

जो भी बातें ठीक ऊपर बताई गई है, वह पवनचक्की के काम करने का तरीका ही है.इसी को दूसरे तरीके से कहें तो, जब हवा चलती है तो वह Windmill में लगे हैं ब्लेड से टकराती है.ब्लेड से टकराती हवा उस वक्त तक गतिज ऊर्जा के रूप में होती है.

ब्लेड उस गतिज ऊर्जा को Mechanical Energy यानी यांत्रिक ऊर्जा में बदल देता है.यह यांत्रिक ऊर्जा Windmill में लगे जेनरेटर तक जाती है.जेनरेटर अंततः यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल देता है.

आमतौर से जब भी कहीं विंडमिल्स लगाया जाता है.तो कभी भी एक दो नहीं बल्कि अधिक संख्या में विंडमिल्स टॉवर लगाए जाते हैं.क्योंकि एक windmill से उतनी मात्रा में बिजली उत्पन्न नहीं की जा सकती,उसका उपयोग बड़े स्तर पर किया जा सके.

एक टॉवर से जितनी बिजली उत्पन्न होगी, उससे कुछ घरों की ही ज़रूरत पूरी हो जाएगी.इसलिए जब भी विंडमिल्स कहीं लगाया जाता है तो एक बड़े क्षेत्र पर यह लगाया जाता है.ताकि इससे इतनी ज्यादा बिजली उत्पन्न हो.जिससे कि एक पूरे शहर तक को बिजली की आपूर्ति की जा सके.

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Pawan Chakki क्या हे- पवनचक्की कैसा होता है – Windmill Structure in Hindi :

पवनचक्की कई छोटे-बड़े Parts से मिलकर बना होता है.पवनचक्की में उपयोग किए जाने वाले पार्ट्स (Components of Windmills) निम्नलिखित है –

    • पंखा (Blades) :   

Blades हमेशा पवन चक्की के सबसे ऊपरी भाग पर लगा हुआ होता है.हवा के चलने पर रोटर (Rotor) की मदद से ही पंखे घूमते हैं.जिससे कि बिजली उत्पादन के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू होती है.

Blades उसी Principal पर काम करता है, जिस पर किसी हेलिकॉप्टर में लगे पंखे काम करते हैं.विंडमिल्स में लगे पंखे एक साइड से हल्के मुड़े हुए यानी Curved जबकि एक साइड बिल्कुल Flat होता है.

    • गुब्बारे का डला (Nacelle) :

यह हिस्सा पवन चक्की के सबसे ऊपरी हिस्से पर होता है.यह एक बड़ा बॉक्स होता है.इसके अंदर गेयर बॉक्स (Gear Box) तथा जेनरेटर (Generator) लगे होते हैं.

इसके अलावा बीच में कई छोटे-बड़े कंपोनेंट्स होते हैं जो कि बिजली पैदा करने के लिए जरूरी होते हैं.

    • गियर बॉक्स (Gear Box) :

गेयर बॉक्स का काम ब्लेड की स्पीड को बढ़ाना होता है.जब हवा की मदद से ब्लेड घूमने लगते हैं तो उनकी स्पीड इतनी अधिक नहीं होती कि बिजली पैदा हो सके.

ऐसी स्थिति में गेयर बॉक्स पंखे की स्पीड को काफी बढ़ा देते हैं.आमतौर से पंखे की स्पीड 30 से 60 Rotation per minute (rpm) होता है.

लेकिन यहां लगा हाई स्पीड गेयर बॉक्स पंखे की स्पीड को बढ़ाकर 1000 से 1500 रोटेशन पर मिनट (rpm) कर देता है. 

किसी भी पवन चक्की में बिजली पैदा करने के लिए ब्लेड की स्पीड कम से कम इतनी होनी आवश्यक है.

    • शाफ़्ट (Shaft) :

शाफ्ट भी रोटेटर के साथ ही लगा हुआ होता है.जब हवा के दबाव के कारण पंखे घूमने लगते हैं तो रोटेटर में लगा हुआ सॉफ्ट भी घूमने लगता है.

Shaft का मुख्य काम यह होता है कि जब पंखों के घूमने से रोटेटर में मैकेनिकल एनर्जी तथा रोटेशनल एनर्जी पैदा होती है तो शाफ्ट ही.

इस एनर्जी को जेनरेटर में पहुंचाता है.यहीं से जेनरेटर Electrical Energy बनाता है.

    • जेनरेटर (Generator) :

जेनरेटर ही वह पार्ट्स होता है जो कि पंखे के घूमने पर बिजली पैदा करता है.विंडमिल्स में लगा जेनरेटर Electromagnetic Induction के सिद्धांत पर कार्य करते हुए बिजली पैदा करता है.

    • टॉवर (Tower) :

Windmill in Hindi.How Pawan Chakki Generate Energy.टॉवर किसी भी पवन चक्की का सबसे प्रमुख हिस्सा होता है.टावर को आसान भाषा में कहें तो यह एक ऊंचा मजबूत खंबा होता है.

जिसके ऊपर ही पवन बिजली उत्पादन के लिए जरूरी सभी आवश्यक पार्ट्स लगे होते हैं.टावर के ऊपर ही ब्लेड्स, जेनरेटर, गेयर बॉक्स इत्यादि लगे होते हैं.

इस टावर की ऊंचाई स्थान के आधार पर निर्धारित की जाती है.आमतौर से एक टावर की ऊंचाई 50 मीटर से लेकर 100 मीटर तक होती है.

हालांकि कहीं-कहीं इसकी ऊंचाई कुछ कम या इससे भी ज्यादा हो सकती है.टावर की ऊंचाई इस बात पर निर्भर करती है कि जहां पवनचक्की लगाया जाना है, वहां हवा कितनी स्पीड से चलती है.

हवा की स्पीड के आधार पर ही टावर की ऊंचाई का निर्धारण किया जाता है.टावर कई तरह के होते हैं.आज के दौर में आमतौर से मजबूत लोहे या स्टील से बने टॉवर का इस्तेमाल किया जाता है.

इसके अलावा भी कई अन्य मटेरियल का उपयोग टॉवर में होता है.

    • ब्रेक (The Brake) :

मशीन में लगे पंखे को कभी इमरजेंसी की स्थिति में या किसी अन्य कारण से रोकने के लिए प्रत्येक विंडमिल्स में एक ब्रेक भी दिया जाता है.

    • कंट्रोलर (The Controller) :

विंडमिल्स को कंट्रोल करने के लिए एक कंट्रोलर भी लगा होता है.जब 8 से 16 मील प्रति घंटे (mph) की स्पीड से हवा चलती है तो यह कंट्रोलर विंडमिल्स में लगे पंखे को घुमाने लगता है.

लेकिन जब कभी हवा की स्पीड 55 मील प्रति घंटे (mph) से अधिक हो जाती है.तो यह कंट्रोलर ब्लेड्स को तुरंत बंद कर देते हैं.

क्योंकि विंडमिल्स की इतनी क्षमता नहीं होती है कि वह 55 मील प्रति घंटे के अधिक के हवा को बर्दाश्त कर सके.अगर इतने अधिक हवा होने पर भी मशीन चलती रहे तो विंडमिल्स को काफी नुकसान होगा.

    • बैटरी (Battery) :

Windmill से निकलने वाले बिजली को स्टोर करने के लिए विंडमिल में एक बैटरी लगाया जाता है.जहां से फिर उसका उपयोग आवश्यकता अनुसार किया जाता है.

पवनचक्की के प्रकार – Types of Windmill in Hindi :

Windmills मुख्यतः 2 प्रकार के होते हैं –

  1. वर्टिकल एक्सिस विंडमिल्स (Vertical xis windmills).

2. हॉरिजोंटल एक्सिस विंडमिल्स (Horizontal Axis Windmills).

1. वर्टिकल एक्सिस विंडमिल्स (Vertical Axis Windmills) :

Pawan Chakki क्या हे – इस तरह के विंडमिल्स का उपयोग शुरुआती समय में किया गया था.वर्तमान समय में ऐसे विंडमिल्स का उपयोग बिलकुल ना के बराबर किया जाता है.इस तरह के विंडमिल्स में लगने वाले पंखे यानी ब्लेड जमीन के बिल्कुल सीधे (Perpendicular To The Ground) लगे होते हैं.

इस की अधिक उपयोग ना होने की वजह अधिक बिजली उत्पादन नहीं होता था.इस कारण इसका उपयोग छोटे स्तर तक ही सीमित रह गया.वर्टिकल एक्सिस विंडमिल्स को हॉरिजॉन्टल विंडमिल्स के नाम से भी जाना जाता है.

एक बात ध्यान दें कि हॉरिजॉन्टल एक्सिस विंडमिल्स अलग – अलग होते हैं.केवल “Axis” शब्द के उपयोग से ही नाम का मतलब बदल जाता है.

2.हॉरिजोंटल एक्सिस विंडमिल (Horizontal axis Windmills) :

वर्तमान समय में जिस विंडमिल्स का ज्यादा उपयोग किया जाता है वह हॉरिजोंटल एक्सिस विंड मिल ही होते हैं.इस तरह के विंडमिल्स की Importamce यह होती है कि हवा की दिशा के आधार पर आसानी से बिजली पैदा हो सके.

Horizontal axis Windmills को ही वर्टिकल विंडमिल्स (Vertical Windmills) कहा जाता है.

वर्टिकल विंडमिल्स के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं जो कि निम्नलिखित है –

1. Post Mills (पोस्ट मिल्स).

2. Smock Mills (धुआं मिल्स).

3. Tower Mills (टॉवर मिल्स).

4. Fan Mills (फैन मिल्स).

1. Post Mills (पोस्ट मिल्स) :

इस तरह के विंडमिल्स का उपयोग 12वीं सेंचुरी से लेकर 19वीं सेंचुरी की शुरुआत में काफी किया गया था.समय के साथ इस तरह के विंडमिल्स उपयोग से बाहर हो गए.

इस तरह के विंडमिल्स में टॉवर के रूप में पेड़ के तने तथा लकड़ियों से बने खंभे उपयोग किए जाते थे.इसमें अक्सर छोटे तथा हल्के पंखों का ही उपयोग किया जाता था.

2. Smock Mills (धुआं मिल्स) :

Pawan Chakki क्या हे- Smoke Mills – इस तरह के विंडमिल्स की खासियत यह है कि इसका ऊपरी भाग Flexible होता है.जब की नीचे का बाकी बचा भाग Stable होता है.इसे इस तरह बनाया जाता है कि ऊपर के भाग को आप हवा के अनुसार जिधर चाहे घुमा सकते हैं.

इससे पूरे भाग को घुमाने की जरूरत नहीं पड़ती है.इस तरह के विंडमिल्स का उपयोग वहां किया जाता है जहां टावर की ऊंचाई काफी ज्यादा होती है.

स्मोक मिल के निर्माण में यानी टावर का निचला हिस्सा पत्थरों से बनाया जाता है.जबकि इसका ऊपरी हिस्सा लकड़ियों या अन्य हल्के सामग्रियों से बनाया जाता है.

इस तरह के मिल्स का निर्माण वैसी जगह पर किया जाता है जहां की जमीन दलदली हो या ज्यादा उबर-खाबर हो.इस तरह के विंडमिल्स हमेशा अन्य विंडमिल्स की अपेक्षा हल्के होते हैं.

3. Tower Mills (टावर मिल्स ) :

टावर मिल्स से कुछ हद तक स्मोक मिल्स की तरह होते हैं.लेकिन इसमें अंतर यह है कि इसके टॉवर पूरी तरह ईंट या पत्थरों से बनाया जाता है.इसका टावर हमेशा स्टेबल होता है.

जबकि सबसे ऊपरी भाग,जिसे कैप बोला जाता है वह Flexible होता है.चूंकि,टावर मिल्स में टावर का निर्माण ईंट तथा पत्थरों से होता है.इसलिए यह काफी मजबूत होते हैं। इसकी ऊंचाई निर्धारित नहीं है.

आवश्यकता अनुसार Tower Mills को ऊंचा किया जा सकता किया जाता है.चूंकि, टावर मिल्स का स्ट्रक्चर काफी मजबूत और ऊंचा होता है.इसलिए इतने बड़े-बड़े और मजबूत पंखों का उपयोग आसानी से किया जा सकता था.अधिक पंखे उपयोग करने का फायदा यह होता है कि अधिक मात्रा में बिजली पैदा सकते हैं.

4. Fan Mills (फैन मिल्स ) :

इस तरह के indmill का निर्माण छोटे स्तर पर किया जाता है.यह एक छोटा-मोटा विंडमिल होता है.इसका उपयोग कम मात्रा में बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है.यह अक्सर छोटे जगहों पर लगाया जाता है.इसकी ऊंचाई भी काफी कम होती है.

भारत में पवनचक्की से बिजली उत्पादन-Windmills in India :

आपने सुना होगा कि डेनमार्क को पवनों का देश (Pawano Ka Desh) कहा जाता है.

इसकी बड़ी वजह यह है कि डेनमार्क में काफी अधिक संख्या में पवन चक्की लगे हुए हैं.

डेनमार्क अपनी जरूरत का लगभग 19%  बिजली उत्पादन पवनचक्की के ही मदद से करता है.

चूंकि Wind Energy को ही बिजली उत्पादन का भविष्य माना जा रहा है.इस कारण दुनिया के अधिकतर देश अब हवा से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.भारत भी इसमें पीछे नहीं.

फरवरी 2020 के आंकड़ों के अनुसार भारत में लगे सभी Windmills की कुल क्षमता 37.669 Gigawatt है. बता दें कि 1 Gigawatt = 1000 Megawatts होता है.

इतनी अधिक मात्रा में Wind Energy उत्पादन करने के कारण अधिक Wind Energy उत्पादन करने वाले देशों में भारत विश्व में फिलहाल चौथे नंबर पर है.

अनुमान है कि आने वाले वर्षों में Wind Energy उत्पादन करने वाले देशों में भारत पहले स्थान पर आ जाएगा. इसकी बड़ी वजह यह है कि भारत सरकार लगातार विंडमिल्स स्थापित करते जा रही है.

भारत में पवनचक्की का इतिहास  – Windmills History in India :

Pawan Chakki क्या हे-भारत में विंडमिल्स प्लांट लगाने की सुगबुगाहट 1952 में ही शुरू हो गई थी.इसके बाद लगातार प्रयास किए जाते रहे.लेकिन पहला Windmill ग्रिड स्थापित करने में भारत को 1986 तक का समय लग गया.

भारत का पहला Windmill Power Plant 40 किलोवाट का था.यह गुजरात के वेरावल नाम के स्थान पर लगा था.वर्तमान समय में भारत में काफी संख्या में Windmill Plants लगे हुए हैं.ये काफी अधिक मात्रा में बिजली का उत्पादन करते हैं.

आंकड़ों के अनुसार भारत में उत्पादित कुल Wind Energy का 29% अकेले तमिलनाडु में उत्पादन किया जाता है.इसके अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना तथा केरला में भी बड़े स्तर पर windmill Plants लगे हुए हैं.

भारत यह लक्ष्य लेकर चल रही है कि आने वाले वर्षों में, भारत की बिजली निर्भरता जैसे कि सौर ऊर्जा तथा Wind Energy पर करना है.

Pawan Chakki क्या है-पवनचक्की के लाभ – Windmill Advantage in Hindi :

• पवन चक्की प्रकृति के लिए बिल्कुल अनुकूल है। इससे बिजली उत्पादन के लिए किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है.

• पवन चक्की से उत्पादन करने पर बिजली काफी सस्ता पड़ता है.जो खर्च आता है वह एक बार इसे लगाने में आता है.उसके बाद मेंटेनेंस पर अपेक्षाकृत कम  खर्च करने पड़ते हैं.

• पवन चक्की की खासियत यह है कि इससे अपनी आवश्यकता अनुसार कहीं भी लगाया जा सकता है.

• विंड एनर्जी Renewable तथा Sustainable है.

• विंड एनर्जी का उत्पादन बढ़ने से बिजली के लिए अन्य स्रोतों पर निर्भरता कम हो रही है.

• विंडमिल्स की मदद से दूर दराज के इलाकों तथा दुर्गम जगहों पर भी बिजली पहुंचाना संभव है.

• Wind Energy का भविष्य उज्वल माना जा रहा है.

निष्कर्ष – Conclusion :

Pawan Chakki क्या हे आंकड़ों से पता चलता है कि विंड एनर्जी का उत्पादन काफी सुरक्षित है.यह सस्ता भी पड़ता है.जिस तरीके से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रहा है, उससे पारंपरिक तरीके से बिजली उत्पादन करने की बजाय Wind Energy पर ही जोड़ दिया जा रहा है.ऐसे में आने वाले समय में विंड एनर्जी का उत्पादन काफी बढ़ेगा.

चूंकि, पारंपरिक तरीके से बिजली उत्पादन के लिए अन्य प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है.जिसकी उपलब्धता सीमित है.जबकि,विंड एनर्जी के लिए केवल हवा की आवश्यकता पड़ती है.इसकी उपलब्धता असीमित है.ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि एनर्जी के क्षेत्र में विंड एनर्जी ही भविष्य है.



 

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