Solar System Kya Hai. यूं तो ऊपर वाले की बनाई छोटी – बड़ी सभी चीजें आश्चर्य, रहस्य और रोमांच से भरी हुई है। लेकिन उनमें से कुछ ऐसी चीजें हैं जो कि कुछ ज्यादा ही आश्चर्य, रहस्य तथा रोमांच से भरी हुई है। उन चीजों को आज तक पूरी तरीके से नहीं समझा जा सका है। लेकिन जितना समझा जा सका है वह किसी रोमांच से कम नहीं है। हम यहां सौर मंडल तथा Galaxy (आकाशगंगा) की बात कर रहे हैं।
जब भी लोग चांद, सूरज, तारे (Stars) इत्यादि को देखते हैं तो उनके दिमाग में बहुत सारी बातें आने लगती है। जैसे कि ये सारा सिस्टम कैसे काम कर रहा है, क्या ऊपर भी जीवन संभव है, ऊपर चांद तारे सूरज इत्यादि के अलावा और क्या है इत्यादि इत्यादि। तो चलिए आज आपके इन्हीं से जुड़ी कई सवालों के जवाब हम इस आर्टिकल में देंगे।
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि सौर मंडल क्या है (What is Solar System in Hindi)। सौर मंडल में कितने ग्रह हैं। पूरे गैलेक्सी में कितने Solar System है। हमारे सौरमंडल में कितने तारे हैं। पूरे ब्रह्मांड में कितने तारे हैं। इसके अलावा हम आपको सोलर सिस्टम से जुड़े कई और रोचक तथ्य बताएंगे।
तो सोलर सिस्टम (Solar System) यानी सौरमंडल की दुनिया को और बेहतर तरीके से जानने के लिए तथा इससे जुड़े कई महत्वपूर्ण बातें जानने के लिए इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ें।
Solar System Kya Hai.
आपने सोलर सिस्टम (Solar System) यानी सौर मंडल के बारे में कभी ना कभी पढ़ा ही होगा। लेकिन इसके बावजूद हम लोग आसानी से इसे नहीं समझ पाते हैं कि आखिर सौर मंडल क्या है (Sormandal kya hai). इसकी बड़ी वजह यह है कि पढ़ाई के क्रम में इसे समझाने के लिए ज्यादातर Technical Words का उपयोग किया जाता है। जो कि आमतौर से समझ में नहीं आता।
इसलिए हम आपको बेहद आसान भाषा में बताएंगे कि sormandal se aap kya samajhte hain या सौर मंडल क्या है। चलिए, सबसे पहले इस सवाल का जवाब देते हैं कि
सोलर सिस्टम क्या है – Solar System Kya Hai
सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले ग्रहों, उपग्रहों बौने ग्रहों, क्षुद्रग्रह, उल्कापिंडों इत्यादि को ही समस्त रूप से सोलर सिस्टम या सौर मंडल कहा जाता है। सौरमंडल से जुड़ी हुई Planets गुरुत्वाकर्षण बल से बंधी होती है। ये सभी एक सिस्टम का पालन करते हुए काम करती है।
सौरमंडल में देखें तो इसमें आठ ग्रह हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में इन ग्रहों के उपग्रह तथा अनगिनत संख्या में छोटे पिंड तथा उल्कापिंड शामिल हैं। सौरमंडल का निर्माण आज से लगभग 4.5 बिलियन साल पहले हुआ था।
सौरमंडल का केंद्र सूर्य (SON) है। इसी के चारों ओर सभी ग्रह चक्कर काटते हैं। सौरमंडल में सूर्य का वजन अकेले पूरे सौरमंडल का 99.86 प्रतिशत है। सूर्य के बाद सौरमंडल के सबसे भारी ग्रहों में बृहस्पति तथा शनि ग्रह आते हैं। यह दोनों ग्रह अकेले ही बाकी बचे वजन का 90% पूरा करते हैं। बाकी बचे 0.002 प्रतिशत में अन्य सभी ग्रहों, उपग्रहों तथा Solar System में मौजूद सभी चीजों का वजन शामिल है।
Solar System Kya Hai
हमारे सौर मंडल में कितने ग्रह हैं – How Many Planets In Our Solar Systems in Hindi
जैसा के ऊपर बताया गया है कि सौरमंडल में कुल 8 ग्रह हैं। इन ग्रहों के नाम निम्नलिखित हैं –
1. बुध (Mercury)
2. शुक्र (Venus)
3. पृथ्वी (Earth)
4. मंगल (Marsh)
5. बृहस्पति (Jupiter)
6. शनि (Saturn)
7. अरुण (Uranus)
8. वरुण (Neptune)।
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चलिए अब आपको हमें इन ग्रहों के बारे में पूरे विस्तार से बताते हैं –
1. बुध ग्रह (Mercury Planet in Hindi)
Solar System In Hindi में Mercury यानी बुध ग्रह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है। ये ग्रह सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह है। सूर्य से बुध की दूरी 26 Million Miles या 58 Million Kilometer है। सौर मंडल के सभी ग्रहों में बुध ग्रह एक ऐसा ग्रह है जो कि सबसे कम समय में सूर्य का एक चक्कर पूरा करता है। सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में बुध को 87.97 दिन लगते हैं। बुध का कुल Diameter 4880 किलोमीटर है।
बुध ग्रह का Surface पथरीली उबर-खाबर वाला है। बुध ग्रह का वातावरण ऐसा है कि यहां जीवन संभव नहीं है। इसकी बड़ी वजह यह है कि अब तक कोई ऐसे सबूत नहीं मिले हैं जिससे कि इस ग्रह पर जीवन संभव है। इसके अलावा यहां का तापमान भी काफी ज्यादा है।
सूर्य के करीब होने की वजह से दिन में बुध ग्रह का तापमान 430 Degree Celsius यानी 800 Degree Fahrenheit तक पहुंच जाता है। रात में यहां का तापमान अचानक से गिरकर -180 Degree Celsius से -290 Degree Celsius तक आ जाता है।
2. शुक्र (Venus planet in Hindi)
Solar System Kya Hai. शुक्र ग्रह से सूर्य की कुल दूरी लगभग 67,270,340 किलोमीटर है। यह सौर मंडल में सूर्य से दूसरे नंबर पर मौजूद ग्रह है। शुक्र ग्रह को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 224.7 Earth Days लगते हैं। शुक्र के बारे में रोचक तथ्य यह है कि इसका आकार लगभग पृथ्वी के बराबर है।
इसके अलावा शुक्र ग्रह का वजन भी लगभग पृथ्वी के बराबर है। पृथ्वी से कई तरह की समानताएं होने के कारण शुक्र ग्रह को पृथ्वी का सिस्टर प्लेनेट (Sister Planet of Earth) भी कहा जाता है।
पृथ्वी से समानता के बावजूद शुक्र ग्रह पर किसी भी रूप में जीवन संभव नहीं है। शुक्र ग्रह पर लगभग 96% केवल कार्बन डाइऑक्साइड ही मौजूद हैं। शुक्र ग्रह हमारे सैर मंडल का सबसे गर्म ग्रह है। यहां का तापमान 737 K या 464 Degree Celsius है।
शुक्र उन ग्रहों में शामिल है जहां वैज्ञानिकों का दावा रहा है कि किसी समय इस ग्रह पर पानी हुआ करता था। यही कारण है कि वर्तमान समय में भी वैज्ञानिक इस ग्रह पर पानी की खोज में लगे हुए हैं।
3. पृथ्वी (Earth Planet in Hindi)
पृथ्वी ब्रह्मांड का अब तक का एकमात्र ज्ञात ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। यही कारण है कि हम लोगों का अस्तित्व इस पृथ्वी पर अब तक बना हुआ है। पृथ्वी सोलर सिस्टम का एकमात्र ग्रह है जिस पर तरल रूप में पानी मौजूद है। पृथ्वी हमारे सोलर सिस्टम का 5वां सबसे बड़ा ग्रह है।
पृथ्वी का एक मात्र प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा (Moon) है। पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365 दिन का समय लगता है। पृथ्वी से सूर्य की दूरी लगभग 150 मिलियन किलोमीटर दूर है।
4. मंगल (Marsh Planet in Hindi)
मंगल ग्रह सूर्य से चौथे नंबर पर मौजूद है। यह हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है। मंगल ग्रह से सूर्य की दूरी 228 मिलियन किलोमीटर है। मंगल ग्रह को Red Planet के नाम से भी जाना जाता है। इसकी वजह यह है कि मंगल ग्रह पर काफी अत्यधिक मात्रा में Iron Minerals पाए जाते हैं। इस कारण इसका रंग लाल है।
मंगल ग्रह का वातावरण काफी हद तक पृथ्वी से मिलता जुलता है। यहां भी पृथ्वी की तरह ही मौसम बदलते हैं। यहां बर्फ के बड़े-बड़े पहाड़ मौजूद है। मंगल ग्रह पर एक दिन लगभग 24 घंटे से थोड़े अधिक का होता है। मंगल ग्रह सूर्य का एक चक्कर लगाने में 687 दिन का समय लेता है। मंगल ग्रह उन कर्मों में शामिल है जिन पर पिछले काफी समय से जीवन की संभावना तलाशी जा रही है।
5. बृहस्पति (Jupiter Planet in Hindi)
बृहस्पति ग्रह हमारे सोलर सिस्टम में सूर्य से पांचवें नंबर का ग्रह है। यह सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा ग्रह है। इस ग्रह का कुल डायमीटर 142,984 किलोमीटर है। ये ग्रह गैस तथा अन्य तरल पदार्थों से भरा हुआ है। आंकड़ों के अनुसार इस ग्रह पर 88 से 82% मात्रा हाइड्रोजन गैस की है। 8 से 12% मात्रा हीलियम की है।
जुपिटर उन ग्रहों में शामिल है जो कि अंधेरी रातों में खुली आंखों से आसानी से देखा जा सकता है। यह सबसे पहले खोजे जाने वाले ग्रहों में से एक है। वैज्ञानिकों ने इस ग्रह का पता 16वीं शताब्दी में ही लगा लिया था।
6. शनि (Saturn Planet in Hindi)
शनि हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। सूर्य से इस ग्रह की दूरी 886 Million Miles या 1.4 Billion kilometer है। इस ग्रह पर एक दिन 10.7 घंटे का होता है। लेकिन यह सूर्य का एक चक्कर लगाने में शनि ग्रह काफी ज्यादा समय लेता है। आंकड़ों के अनुसार यह ग्रह 29 साल में सूर्य का एक चक्कर पूरा करता है।
यह पूरी तरह से गैस इस से भरा हुआ है। इस ग्रह पर मुख्य रूप से हाइड्रोजन तथा हिलियम गैस मौजूद है। इन गैसों की मौजूदगी के कारण यहां का तापमान काफी अधिक है। इस कारण इस ग्रह पर भी जीवन की कोई संभावना नहीं है।
7. अरुण (Uranus)
टेलिस्कोप की मदद से खोजे जाने वाला पहला ग्रह अरुण (Uranus) ही है। इस ग्रह को 1781 में खगोल विज्ञानी William Herschel ने खोजा था। इस ग्रह का आकार पृथ्वी से काफी बड़ा है। आंकड़ों के अनुसार यह पृथ्वी से आकार में लगभग 4 गुना ज्यादा है। सूर्य से यह सातवें नंबर पर मौजूद ग्रह है। सूर्य से अरुण की दूरी 2.9 बिलियन किलोमीटर है।
अरुण (Uranus) सूर्य का एक चक्कर लगाने में लगभग 84 Earth Year लेता है। इस ग्रह पर 1 दिन में 17 घंटे होते हैं। ये ग्रह भी मुख्य रूप से गैस तथा बर्फ की चादरों से ढका हुआ है। यहां पाए जाने वाले प्रमुख गैसों में हाइड्रोजन तथा हीलियम है।
लेकिन इसके अलावा यहां काफी अधिक मात्रा में बर्फ की मौजूदगी भी है। इस कारण ये हमारे सौरमंडल का सबसे ठंडा ग्रह है। इस ग्रह पर अब तक का ज्ञात सबसे कम टेंपरेचर 49 कैल्विन या माइनस 224 डिग्री सेल्सियस है।
8. वरुण (Neptune)
ये ग्रह हमारे सौरमंडल में सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर स्थित ग्रह है। सूर्य से पृथ्वी की तुलना में वरुण सूर्य से लगभग 30 गुणा अधिक दूरी पर मौजूद है। इस ग्रह से सूर्य से कुल दूरी 4.5 बिलियन किलोमीटर है। इस ग्रह की खोज 1846 ईस्वी में हुई थी। इस ग्रह की कुल चौड़ाई पृथ्वी की कुल चौड़ाई से लगभग 4 गुनी अधिक है।
वरुण उन ग्रहों में शामिल है जिन्हें हम आमतौर से खुली आंखों से रात में भी नहीं देख सकते हैं। Neptune सूर्य की एक परिक्रमा करने में सबसे अधिक समय लगाता है। आंकड़ों के अनुसार नेपच्यून सूर्य का एक चक्कर लगाने में 165 Earth Year का समय लेता है। जब से इस ग्रह की खोज की गई है, तब से पहली बार 2011 में इसने सूर्य का एक चक्कर पूरा किया है।

सौर मंडल में कितने तारे हैं – How Many Stars In Our Solar Systems.
हमारे सौर मंडल में कितने तारे हैं। यह एक ऐसा सवाल है जिस पर लोग अक्सर फंस जाते हैं। तो चलिए हम आपको इसका जवाब बताते हैं कि हमारे Solar System mien kitne taare hain.
दरअसल, हमारे सोलर सिस्टम का केंद्र सूर्य ही सौरमंडल एकमात्र तारा है। अक्सर लोग कम जानकारी के कारण सौरमंडल में कभी-कभी सूरज को भी एक ग्रह के रूप में एक गिन लेते हैं। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।
अब चूंकि, आप जान चुके हैं कि हमारे सोलर सिस्टम में केवल एक ही तारा होता है। जो कि सूर्य है। इससे एक और सवाल “सूर्य ग्रह है या तारा” का भी जवाब मिल गया कि सूर्य कोई ग्रह नहीं बल्कि एक तारा है।
अब तक के लगभग सभी वैज्ञानिक इस बात पर एक राय रखते हैं कि हमारे सौरमंडल में एकमात्र उतारा है जो कि सूर्य है। लेकिन 1984 में David Raup और Jack Sepkoski नाम के वैज्ञानिक ने यह दावा किया था कि हमारे सौरमंडल में एक और सूर्य है। ये सूर्य 32 Million Year में एक बार दिखाई देता है। इसका नाम उन्होंने Nemesis रखा था।
इनके इस तथ्य के हिसाब से हमारे सौरमंडल में तारों की संख्या एक नहीं बल्कि 2 है। हालांकि David Raup और Jack Sepkoski के इस तर्क को अधिक्तर वैज्ञानिकों ने नकार दिया। इस तरह अब भी यह प्रमाणित है कि हमारे सौरमंडल में एकमात्र तारा है। जिसे हम सूर्य के नाम से जानते हैं।
यह तो हमारे सौरमंडल की बात हो गई, जहां एक तारा है। लेकिन क्या आपको यह पता है कि पूरे ब्रह्मांड में तारों की संख्या कितनी है या आसमान में कुल कितने तारे हैं? अगर आपको पता नहीं है तो कोई बात नहीं। चलिए हम इसका उत्तर आपको बताते हैं।
पूरे ब्रह्मांड में कितने तारे हैं – How many stars in Universe
Solar System In Hindi
दरअसल पूरे ब्रह्मांड में तारों की संख्या को लेकर भी वैज्ञानिक अलग-अलग दावे पेश करते हैं। एक दावों के अनुसार एक आकाशगंगा में तारों की संख्या लगभग 20 हज़ार करोड़ से अधिक है। और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पूरे ब्रह्मांड में केवल आकाशगंगा की संख्या ही 10 हजार करोड़ से भी ज़्यादा है। ऐसे में अब आप कल्पना लीजिए की पूरे ब्रह्मांड में तारों की संख्या कितनी होगी!!
तारों की संख्या को लेकर एक और दावा किया जाता है कि पूरे ब्रह्मांड में तारों की संख्या लगभग 250 बिलियन से 300 बिलियन तक है। लेकिन इस पर भी कोई एक राय नहीं है।
तारों की संख्या पर एक राय ना होने की वजह यह है कि ब्रह्मांड का विस्तार हर पल होता ही रहता है। यानी ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है। इस कारण तारों की संख्या का सटीक पता लगाना असंभव है। इसके अलावा जहां तक ब्रह्मांड है, वहां तक अभी विज्ञान की पहुंच नहीं हो पाई है।
विज्ञान की पहुंच ब्रह्मांड में अभी तक महज़ चंद प्रतिशत तक ही हुई है। ऐसे में ये कह पाना मुश्किल है कि पूरे ब्रह्मांड में तारे कितने हैं। इस कारण तारों की संख्या को लेकर केवल अनुमानित आंकड़े ही उपलब्ध है।
आकाशगंगा में कितने सौर मंडल हैं – How Many Solar System In Our Galaxy
Solar System Kya Hai. पूरे आकाशगंगा में एक ही सौरमंडल यानी सोलर सिस्टम है। आपको यहां ध्यान देना होगा कि चूंकि, सूर्य एक तारा है। जिसके चारों ओर 8 ग्रह चक्कर लगाते हैं। सूर्य के चारों ओर ग्रहों के चक्कर लगाने के कारण ही इसका नाम सौरमंडल रखा गया है। चूंकि, वर्तमान में पूरे ब्रह्मांड में एक ही सूरज ज्ञात है। इस लिए जब सूरज एक है तो सोलर सिस्टम भी एक ही होगा।
अब तक आधिकारिक तौर पर पूरे ब्रह्मांड में वर्तमान समय में केवल एक ही सौरमंडल है। लेकिन वैज्ञानिक लगातार सौरमंडल जैसी संरचना की खोज में वर्षों से लगे हुए हैं। इसी खोज के दौरान वैज्ञानिकों ने अब तक लगभग 2500 ऐसे तारों का पता लगाया है जिसके चारों ओर कई अज्ञात ग्रह चक्कर काटते हैं।
भले ही लगभग 2500 ऐसे तारों का पता लगाया गया जा चुका है जिसके चारों ओर अन्य ग्रह चक्कर काटते हैं। लेकिन वह Solar System नही है।
वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि, चुकी अब तक पूरे आकाशगंगा तक विज्ञान की पहुंच संभव नहीं है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि ब्रह्मांड में और भी ऐसे तारे होंगे जिनके चारों और अन्य ग्रह चक्कर काट रहे होंगे। ऐसे में पूरे ब्रह्मांड में सौरमंडल जैसी संरचनाओं की संख्या कितनी है यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है। और ना ही विज्ञान अब तक इतना आधुनिक हो पाया है जिससे कि पूरे ब्रह्मांड का पता लगाया जा सके।
अंतः अगर सवाल आए की हमारे ब्रह्मांड में कितने सौरमंडल हैं तो इसका जवाब ये होगा कि पूरे ब्रह्मांड में केवल एक ही सौरमंडल है।
ब्रह्माण्ड के बारे में रोचक तथ्य – Facts About Solar System In Hindi
Solar System Kya Hai
• सूर्य के सबसे करीब Mercury मौजूद है। लेकिन यह सबसे गर्म ग्रह नहीं है। सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह Venus है।
• सौरमंडल के कुल वजन में अकेले सूर्य का वजन 99.86% है।
• सौरमंडल का निर्माण में लगभग 4.6 बिलियन साल पहले Supernova की घटना के फलस्वरूप हुआ था।
• सौरमंडल के केंद्र यानी सूर्य का आकार इतना बड़ा है कि इसमें लगभग 10 लाख पृथ्वी समा सकते हैं।
• Venus और Mercury के पास एक भी Moon नही है।
• Microgravity की वजह से आपकी लंबाई स्पेस में पृथ्वी की तुलना में कुछ बढ़ जाती है।
• अंतरिक्ष में अगर आप रोएंगे तो आपके आंसू गुरुत्वाकर्षण बल की कमी के कारण नीचे नहीं गिरेंगे।
• सौर मंडल में Venus एक मात्र ग्रह है जो कि उल्टा (Backward) चक्कर काटता है।
• सौर मंडल में सबसे अधिक, 27 Moon अरुण (Uranus) के पास है।
• Mercury का एक दिन पृथ्वी के लगभग 59 दिन के बराबर होता है।
• सौर मंडल का केंद्र सूर्य पीले रंग का नहीं बल्कि सफेद रंग का है।
• पूरे सौरमंडल में सबसे बड़ी ज्वालामुखी मंगल ग्रह पर मौजूद है।
निष्कर्ष – Conclusion
उम्मीद करते हे आपको ये आर्टिकल Solar System Kya Hai में खूब सरे information मिला होगा। विज्ञान भले ही आज काफी आधुनिक हो गया हो, लेकिन ये ब्रह्मांड के आगे आज भी मामूली ही है। क्योंकि अब तक विज्ञान उतना आधुनिक नहीं हो पाया है जो कि ब्रह्मांड को पूरी तरह समझ सके। आंकड़ों के अनुसार अब तक पूरे ब्रह्मांड के बारे में जितना भी पता लगाया जा सका है वह पूरे ब्रह्मांड का महज 2 से 4% ही है।
वैसे भी प्रख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंस ने कहा था कि ब्रह्मांड को ना तो पहले कभी पूरा समझा गया था, ना अब समझा गया है। और न भविष्य में समझा जा सकेगा। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि ब्रह्मांड की दुनिया जितनी रोमांचकारी एंव आश्चर्यचकित करने वाली है उतनी ही रहस्यमई भी है।
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