Computer की प्रकार.Types Of Computer.

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Computer की प्रकार.

Computer की प्रकार.सामान्य लोग सिर्फ पर्सनल कंप्युटर के बारे में जानते हैँ लेकिन क्या आपको पता हैँ की कंप्युटर कई प्रकार के होते हैँ।शुरू में कंप्युटर को सिर्फ गणना करने के लिए बनाया गया था लेकिन बाद में इसे और विकसित किया गया और अन्य काम जैसे टायपिंग,डाटा रिकार्ड करने के लिए किया जाने लगा।

समय के अनुसार कंप्युटर को और विकसित किया गया और कई तरह के कंप्युटर बनाए गए ।सभी कंप्युटर को बनाने के पीछे एक खास मकसद था।इसलिए हम इन्हें कई आधार पर बाँट सकते हैँ।आगे हमने कंप्युटर के सभी प्रकार पर चर्चा की है आप अधिक जानकारी के लिये पूरा आर्टिकल पढ़ें।

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1 Computer की प्रकार- Computer Ki Prakar
1.2 कार्य के आधार पर – Types Of Computer Based On Function

Computer की प्रकार- Computer Ki  Prakar

समय के अनुसार कंप्युटर के कई सारे प्रकार बने।जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे कंप्युटर में सुधार करके उसे और अच्छा बनाने की कोशिश की गई।कंप्युटर को कई सारे क्षेत्रों में भी इस्तेमाल किया जाने लगा।इसलिए कई प्रकार के कंप्युटर बने और हम इन्हें अलग-अलग आधार पर बाँट सकते हैँ।

कंप्युटर के प्रकार को इन आधार पर बाँटा जा सकता है-

    1. आकार के आधार पर
    2. कार्य के आधार पर
    3. उपयोग के आधार पर
    4. पीढ़ी के आधार पर
    5. उद्देश्य के आधार पर
    6. साधारण और विशेष कार्य

इस लेख में हम इन्हीं के आधार पर हम कंप्युटर के सभी प्रकार के बारे में जानेंगे।

आकार के आधार पर -Types Of Computer Based On Size

आकार के आधार पर कंप्युटर चार प्रकार के होते हैँ।इन सभी का अलग-अलग इस्तेमाल है।कोई व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए है तो कोई कंपनी या अन्य इस्तेमाल के लिए,आगे सभी के बारे में विस्तार से जानेंगे।

1) माइक्रो कंप्युटर(पर्सनल कंप्युटर)- Micro Computer

20वीं सताब्दी में माइक्रो कंप्युटर एक आम कंप्युटर हो गया जब कंप्युटर सिस्टम को सिंगल चिप पर आधारित माइक्रोप्रोसेसर पर बना लिया गया।आज के समय में भी यही कंप्युटर सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाते हैँ।क्योंकि इसकी कीमत कम होती है और इससे लोगों के पर्सनल काम भी हो जाते हैँ।

माइक्रो कंप्युटर को पर्सनल कंप्युटर भी कहा जाता है क्योंकि इसका इस्तेमाल व्यक्तिगत काम के लिए किया जाता है।इसका आकार इतना इतना छोटा होता है की इसे छोटी सी जगह मे रखकर काम किया जा सकता है।इसके अंतर्गत निम्न कंप्युटर आते हैँ-

    • डेस्कटॉप कंप्युटर
      ये माइक्रो कंप्युटर का सबसे अधिक जगह लेने वाला कंप्युटर है।इसके लिए एक टेबल की जरूरत होती है।इसका cpu ,माउस और कीबोर्ड रखने के लिए भी जगह चाहिए होता है।इसे एक जगह स्थापित कर दिया जाता है।इसे बार-बार साथ लेकर जाना संभव नहीं है।
    • लैपटॉप कंप्युटर
      ये डेस्कटॉप से थोड़ा सा कम जगह लेता है और इसे बैग में रखकर कहीं भी लेकर जाया जा सकता है।इसके cpu और कीबोर्ड इसके साथ बने हुए आते हैँ और माउस की जगह इसमें टचपैड दिया हुआ होता है।यदि आप ये सभी चीजें अलग से लगाना चाहें तो यूएसबी केबल के जरिए लगा सकते हैँ।
    • पाल्मटॉप कंप्युटर
      जैसा की नाम से ही लग रहा है ये पाल्म यानि हथेली के बराबर आकार का होता है।आप इसे हाथ में लेकर आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैँ।लेकिन लैपटॉप और डेस्कटॉप जितना काम इससे नहीं किया जा सकता क्योंकि इनका आकार छोटा होता है और काम करने की क्षमता भी कम होती है।
    • टैबलेट
      जैसा की नाम से ही लग रहा है ये टैबलेट यानि दवा के पत्ते के आकार का होता है।इसका इस्तेमाल भी आप पाल्मटॉप कंप्युटर की तरह कर सकते हैँ।
    • स्मार्टफोन
      स्मार्टफोन भी एक तरह का कंप्युटर है जो की आज आप सभी के पास है।इसके आने से टैबलेट और पाल्मटॉप का इस्तेमाल कम हो गया क्योंकि ये काफी सस्ता और कई काम करने वाला है।ये कई आकार का आता है जिसे आप आसानी से जेब में रखकर घूम सकते हैँ।
2) मिनी कंप्युटर-Mini Computer

मिनी कम्प्यूटर,मेनफ्रेम कंप्युटर को छोटा करने और उसकी कीमत कम करने के लिए बनाया गया था।ये आकार में पर्सनल कंप्युटर से बड़ा और मेनफ्रेम कंप्युटर से छोटा होता है और काम भी में पर्सनल कंप्युटर से अधिक और मेनफ्रेम कॉमपुटर्स से कम करता है।मिनी कंप्युटर एक साथ बहुत सारे डाटा को प्रोसेस कर सकता है।

3) मेनफ्रेम कंप्युटर- Mainframe Computer

मेनफ्रेम कंप्युटर आकार में काफी बड़ा होता है और बहुत अधिक गर्मी भी उत्पन्न करता है।इसे रखने के लिए एक कमरे के बराबर जगह चाहिए होती है और ये काफी महंगे होते हैँ।इनका इस्तेमाल कंपनी या संस्था द्वारा किया जाता है जहां एक साथ कई यूजर काम करते हैँ।

4) सुपर कंप्युटर- Super Computer

सुपर कंप्युटर को भविष्य का कंप्युटर भी कहा जाता है।सुपर कंप्युटर का इस्तेमाल मौसम की जानकारी,पेचीदा गणितीय गणना और कठिन वैज्ञानिकी गणना के लिए किया जाता है।सुपर कंप्युटर में सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।यही तकनीक बाद में साधारण कंप्युटर में भी उपलब्ध कराया जाता है।

सुपरकंप्युटर को बनाने में काफी अधिक खर्च आता है और ये सिर्फ सरकार या किसी बड़ी संस्था के पास होता है।

➡ Computer क्या हे?

कार्य के आधार पर  – Types Of Computer Based On Function

Computer की प्रकार.कार्य के आधार पर कंप्युटर चार प्रकार के होते हैँ।कंप्युटर को व्यक्तिगत काम से लेकर संस्था के बड़े कामों में इस्तेमाल किया जाता है।आगे सभी प्रकार के कंप्युटर के बारे में विस्तार से दिया गया है।

1) सर्वर कंप्युटर – Server Computer

सर्वर कंप्युटर का इस्तेमाल ज्यादातर एक से अधिक काम के लिए किया जाता है।इसमें एक साथ कई ऑपरेटिंग सिस्टम चलाया जा सकता है।इसके लिए विशेष हार्डवेयर की जरूरत होती है।ये काफी मजबूत होते है क्योंकि इन्हे काफी अधिक दिनों के लिए चलने के लिए बनाया जाता है।सर्वर कंप्युटर निम्न प्रकार के होते हैँ-

    • डेटाबेस सर्वर
    • फाइल सर्वर
    • वेब सर्वर
    • टर्मिनल सर्वर
2) वर्क स्टेशन- Work Station Computer

वर्क स्टेशन कंप्युटर किसी खास मकसद से बनाए जाते थे और ये पर्सनल कंप्युटर की तुलना में अधिक काम कर सकते थे।लेकिन बाद में पर्सनल कंप्युटर इसकी बराबरी में पहुँच गया और इसका इस्तेमाल कम हो गया।

3) सूचना उपकरण- Information Appliances

सूचना उपकरण भी एक तरह के कंप्युटर होते हैँ।ये किसी विशेष काम के लिए बनाए जाते हैँ जैसे की म्यूजिक प्लेयर,टेक्स्ट एडिटर,विडिओग्राफी आदि।हाथ में पहनने वाले स्मार्ट वाच या अन्य स्मार्ट डिवाइसेस भी इसी की श्रेणी में आते हैँ।

4) एम्बेडेड कंप्युटर- Embedded Computer

एम्बेडेड कंप्युटर का इस्तेमाल भी किसी विशेष डिवाइस मे विशेष काम के लिए किया जाता है।जैसा की आप जानते हैँ आज के समय में हम सभी डिवाइसेस को बैठे-बैठे बटन दबाकर कंट्रोल करने की इच्छा रखते हैँ।इसी के लिए एम्बेडेड कंप्युटर का इस्तेमाल किया जाता है।

एम्बेडेड कंप्युटर को एक बार शुरू होने के बाद कई घंटे बिना रुके और रीबूट हुए काम करने की जरूरत होती है।उदाहरण के तौर पर ऑटोमोबाईल,डीवीडी प्लेयर मे एम्बेडेड कंप्युटर होते हैँ।

उपयोग के आधार पर कंप्युटर के प्रकार- Types Of Computer Based On Usage

Computer की प्रकार.कंप्युटर को उपयोग या प्रयोग के आधार पर नीचे दिए गए भागों में बाँटा जा सकता है।कंप्युटर को व्यक्तिगत से लेकर सामूहिक कार्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।इसलिए इसे इसके इस्तेमाल के आधार पर चार भाग में बाँट गया है।

i) सार्वजनिक कंप्युटर- Public Computer

सार्वजनिक कंप्युटर का इस्तेमाल सिर्फ कामचलाने के लिए किया जाता है।ये वो कंप्युटर होते हैँ जिनपर बहुत सारे लोग आकर बैठ कर काम कर सकते हैँ।

आप जब तक वहाँ पर हैँ तब तक तो काम कर पाएंगे लेकिन उसके बाद आप अपना कोई भी डाटा इन कंप्युटर में सेव नहीं कर पाएंगे और उस कंप्युटर पर आपका कोई भी अधिकार नहीं होगा।उदारण के तौर पर साइबरकैफै या स्कूल में ऐसे कंप्युटर होते हैँ।

ii) पर्सनल कंप्युटर – Personal Computer

पर्सनल कंप्युटर किसी एक व्यक्ति का निजी कंप्युटर होता है।वो व्यक्ति इस कंप्युटर का मालिक होता है और वो जब चाहे उस कंप्युटर में कोई भी सॉफ्टवेयर इंस्टाल कर सकता है और पहले से इंस्टाल सॉफ्टवेयर को हटा सकता है।

पर्सनल कंप्युटर की देख-रेख करना और antivirus से स्कैन वगैरह करने की जिम्मेदारी भी उसी की होती है जिसका कंप्युटर होता है।

iii) साझा कंप्युटर- Shared Computer

साझा कंप्युटर अलग-अलग समय पर कई लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।इसमें जिन लोगों को भी कंप्युटर इस्तेमाल करना है उन्हें एक यूजर आइडी और पासवर्ड दिया जाता है और इसी के जरिए वो उस कंप्युटर को चला पाते हैँ।

लेकीन इस कंप्युटर पर यूजर के पास सीमित काम करने की इजाजत होती है।सिर्फ प्रशासक यूजर को कंप्युटर पर सब कुछ करने की इजाजत होती है।

iv) प्रदर्शन कंप्युटर- Display Computer

प्रदर्शन कंप्युटर सिर्फ दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक कंप्युटर है।इसके इस्तेमाल से कोई भी विडिओ क्लिप या स्लाईड दिखाया जाता है।इसका इस्तेमाल दुकान,मीटिंग या किसी बिजनस से संबंधित प्रदर्शिनी के लिए किया जाता है।

पीढ़ी के आधार पर Computer  के प्रकार – Types Of Computer Based On Generation

1) पहली पीढ़ी कंप्युटर – First Generation Computer

कंप्युटर की पहली पीढ़ी 1945 से लेकर 1955 तक चली।पहली पीढ़ी के कंप्युटर में इलेक्ट्रॉनिक वैक्युम ट्यूब का इस्तेमाल होता था।ये कंप्युटर काफी बड़े होते थे बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न करते थे और काफी धीमे थे।इनके अंदर स्टॉरिज के लिए punched कार्ड का इस्तेमाल होता था। ये मशीन लैंग्वेज की भाषा पर चलते थे।

2) दूसरी पीढ़ी कंप्युटर- Second Generation Computer

कंप्युटर की दूसरी पीढ़ी 1956 से लेकर 1963 तक चली ,इसमें ट्रैन्ज़िस्टर का इस्तेमाल होता था।ये थोड़े से सस्ते और कम गर्मी उत्पन्न करने वाले कंप्युटर थे।

इसकी गति भी पहली पीढ़ी के कंप्युटर से अधिक थी।इसके अंदर स्टॉरिज के लिए मैग्नेटिक डिस्क का इस्तेमाल किया जाने लगा।इसमे हाई लेवल लैंग्वेज जैसे fortran और cobol पर काम होता था।

3) तीसरी पीढ़ी कंप्युटर –Third Generation Computer

कंप्युटर की तीसरी पीढ़ी 1964 से 19071 तक चली।इसमें integrated सर्किट का इस्तेमाल होता था।इनके आकार छोटे होते थे और इनकी कीमत भी कम थी।इनकी काम करने की स्पीड भी अच्छी थी।यहीं से ऑपरेटिंग सिस्टम का कन्सेप्ट शुरू हुआ।

4) चौथी पीढ़ी कंप्युटर – Fourth Generation Computer

कंप्युटर की चौथी पीढ़ी 1972 से लेकर 2010 तक चली।इसके अंदर पहले integrated सर्किट को बड़े स्तर पर बनाया गया उसके बाद इसमे माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल होने लगा।इसके आने से कंप्युटर काफी सस्ते हो गए उनकी स्पीड काफी अच्छी हो गई।इसके अंदर लगा माइक्रोप्रोसेसर अभी तक सभी कंप्युटर में इस्तेमाल होता है।

5) पाँचवी पीढ़ी कंप्युटर- Fifth Generation Computer

कंप्युटर की पाँचवी पीढ़ी 2010 से अब तक है।अब इसमें आर्टफिशल इन्टेलिजन्स को विकसित कर उसे अपने काम में लाने की कोशिश की जा रही है।

आज के समय में कंप्युटर रोबोट के रूप में विकसित कीये जा रहे हैँ।हालांकि की इसमें समय लगेगा लेकिन एक बार रोबोट सस्ता होने के बाद लोगों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है।

उद्देश्य के आधार पर कंप्युटर के प्रकार- Types Of Computer Based On Purpose

Computer की प्रकार. कंप्युटर को हम उद्देश्य के आधार पर भी तीन भागों में बाँट सकते हैँ।कंप्युटर के हार्डवेयर बदलने के साथ-साथ उनके उद्देश्य भी बदल जाते हैँ।तो चलिए एक-एक करके सबके बारे में जानते हैँ-

a) ऐनलॉग कंप्युटर- Analog Computer

ऐनलॉग कंप्युटर सिर्फ डाटा को इनपुट के जरिए प्राप्त कर सकता है और उसे स्टोर कर सकता है।इसका इस्तेमाल किसी बदलते हुए भौतिक परिमाण के साथ काम करने के लिए किया जाता है।इसका इस्तेमाल इंजीनियरिंग और वैज्ञानिकी क्षेत्र में किया जाता है।

b) डिजिटल कंप्युटर – Digital Computer

डिजिटल कंप्युटर में सिग्नल को 0 और 1 से दर्शाया जाता है है।यहाँ 0 का मतलब होता है बंद और 1 का मतलब होता है की सिग्नल मिल रहा है।

डिजिटल कंप्युटर डाटा को प्राप्त करने के साथ उन्हे प्रोसेस करने का काम भी कर सकते हैँ। ये डाटा को डिजिटल या बाइनरी भाषा में समझते हैँ।आजकल ज़्यादतर कंप्युटर डिजिटल कंप्युटर होते हैँ।

c) हाइब्रिड कंप्युटर- Hybrid Computer

हाइब्रिड कंप्युटर में ऐनलॉग और डिजिटल दोनों को मिलाने का फायदा होता है।ये दोनों तरह के सिग्नल को मिलाकर एक ही कंप्युटर में दिखाता है।

उदाहरण के लिए अस्पताल में ईसीजी मशीन में ऐनलॉग कंप्युटर के जरिए सिग्नल लिया जाता है और डिजिटल कंप्युटर के स्क्रीन पर वो दिखाई देता है।

साधारण और विशेष कार्य के कंप्युटर- General Or Special Purpose Computer

Computer की प्रकार.कंप्युटर को विशेष और साधारण काम के आधार पर भी बाँटा जा सकता है।जैसे की कुछ कंप्युटर को कई तरह के काम में लिया जा सकता है लेकिन कुछ ऐसे कंप्युटर होते हैँ जिनसे सिर्फ एक ही काम कराया जा सकता है।चलिए इसके बारे में और जानते हैँ।

I) साधारण कार्य के लिए कंप्युटर- General Purpose Computer

साधारण कंप्युटर कई तरह के सामान्य कार्य करने में सक्षम होते हैँ।ये ज्यादातर हमारे दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले कंप्युटर हैँ।ये अपना काम काफी तेज और सही से करते हैँ।हमारा पर्सनल कंप्युटर भी एक तरह का साधारण कार्य कंप्युटर है।

II) विशेष कार्य के लिए कंप्युटर- Special Purpose Computer

कुछ कंप्युटर ऐसे भी होते हैँ जिन्हे किसी विशेष कार्य के लिए बनाया गया होता है और वो सिर्फ वही काम कर सकते हैँ।उसके अलावा ये कंप्युटर कोई अन्य काम करने के लिए सक्षम नहीं होते हैँ।

ये अपने काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करते हैँ।जैसे की रॉकेट को कंट्रोल करने के लिए बनाया गया कंप्युटर सिर्फ वही काम करेगा और उसके अलावा कोई और काम नहीं करेगा।

निष्कर्ष:Conclusion

इस लेख Computer की प्रकार.में कंप्युटर के सभी प्रकार के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।कंप्युटर को अलग-अलग आधार पर बांटा गया है और उनके बारे में विस्तृत चर्चा भी की गई है।लोगों का अक्सर ये प्रश्न रहता है की कंप्युटर कितने प्रकार के होते हैँ।

लेकिन सामान्यतः लोग जो कंप्युटर दैनिक जीवन में देखते हैँ बस उसी के बारे जानते हैँ।लेकिन इस लेख के माध्यम से आपको उन कंप्युटर के बारे में भी पता चला होगा जो सामान्यतः देखने को नहीं मिलते और उनका कोई विशेष इस्तेमाल होता है।

उम्मीद है की ये आर्टिकल पूरा पढ़ने के बाद कंप्युटर के प्रकार से संबंधित आपके सारे प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे लेकिन यदि कोई हिस्सा छूट गया हो या आपके मन में कोई सवाल हो तो कमेन्ट करके हमसे जरूर पूछें।

 

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